सत्यपाल नेगी /रुद्रप्रयाग
संघर्ष समिति का गठन,भगवती भट्ट अध्यक्ष और राजेश बिष्ट को महामंत्री की जिम्मेदारी दी गई.
रुद्रप्रयाग। दो वर्ष से बंद पड़े आईटीआई के दोबारा संचालित न होने पर जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनता ने बसुकेदार में प्रदर्शन किया। इस मौके पर तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बसुकेदार के पुनः संचालन को लेकर स्थानीय जनता ने आंदोलन का मन बना दिया है। इसी क्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जनता ने बसुकेदार में सांकेतिक प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ़ नारेबाजी की। इस मौके पर तहसील परिसर बसुकेदार में जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने धरना देते हुए संघर्ष समिति का गठन किया, जिसमें अध्यक्ष की जिम्मेदारी भगवती प्रसाद भट्ट और महामंत्री राजेश बिष्ट को नामित किया गया। उपाध्यक्ष पद पर सज्जन सिंह नेगी, आशा देवी,सचिव सुमान सिंह रौथाण, शिवानंद नौटियाल,बलवीर राणा, आलोक नेगी,धर्मेंद्र सिंह,जगमोहन सिंह को नामित किया गया। सह सचिव की जिम्मेदारी मनोज लाल, मनीषा देवी,कुसुमा देवी,बलवीर चौधरी, मनोज बिष्ट,मोहन भंडारी, लीना राणा को सौंपी गई।कोषाध्यक्ष प्रेम सिंह भंडारी,एवं सह कोषाध्यक्ष महावीर भंडारी को बनाया गया। मीडिया प्रभारी भानुप्रकाश भट्ट को बनाया गया। वहीं संरक्षक मंडल में मोहित डिमरी,विजयपाल राणा, सुदर्शन भंडारी को नामित किया गया।
इस मौके पर नवनियुक्त पदाधिकारियों ने कहा कि स्थानीय युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा देने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में बसुकेदार में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) की स्थापना हुई थी। मैकेनिकल और फीटर ट्रेड से शुरू हुआ यह संस्थान 2019 में बंद कर दिया गया है। ऐसा भी नहीं है कि यहां प्रशिक्षण लेने स्थानीय युवा नहीं पहुँच रहे थे,पूरी सीटें भरी होने के बावजूद आईटीआई को बंद किया गया।
स्थानीय लोगो ने कहा कि आईटीआई के लिए डालसिंगी के ग्रामीणों ने अपनी जमीन भी निःशुल्क दी है। जिस पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया था।लेकिन अचानक निर्माण कार्य भी बंद कर दिया गया।विकास की दृष्टि से यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ है।आईटीआई के स्थापित होने से स्थानीय युवाओं को एक उम्मीद की किरण जगी थी। अधिकतर लोग गरीब होने के चलते अपने बच्चों को इंटरमीडिएट के बाद पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने आईटीआई बंद करके बच्चों का भविष्य चौपट कर दिया है। अगर जल्द आईटीआई शुरू नहीं हुआ तो स्थानीय लोगों को आन्दोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
वहीं आईटीआई बसुकेदार के पुनः संचालन को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने पूर्ण समर्थन दिया है।उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि सरकार व्यावसायिक संस्थानों को लगातार बंद कर रही है। ऐसे में युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है।आईटीआई रोजगार का बहुत बड़ा आधार है। रुद्रप्रयाग जनपद में चिरबिटिया,बसुकेदार और अगस्त्यमुनि आईटीआई को बंद कर दिया गया है।आईटीआई से स्थानीय युवाओं को लाभ मिल रहा था।लेकिन अब गरीब बच्चों के सामने कई तरह के संकट खड़े हो गए हैं।
उक्रांद के केंद्रीय सचिव पृथ्वीपाल रावत,कार्यकारी अध्यक्ष बलवीर चौधरी,वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगत चौहान, ब्लॉक उपाध्यक्ष मंगत खत्री ने कहा कि सरकार ने बंद पड़े आईटीआई को दोबारा शुरू नहीं किया तो स्थानीय जनता को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के संघर्ष में उत्तराखंड क्रांति दल साथ खड़ा है।