थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पिंडर एवं कैल नदीयो की संगम स्थलीय देवाल विकासखंड मुख्यालय की आम जनता को पिछले 4 सालों से बरसात के 4 महिनों में या तों गंदा पानी पीने के मजबूर होना पड़ रहा हैं। याकि स्वछ एवं साफ पीने के पानी के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा हैं। स्वछ एवं साफ पानी की मांग क्षेत्रीय जनता के द्वारा विभिन्न मंचों पर उठाएं जाने के बावजूद आज तक भी उनकी मांग धरातल पर उतरती नही दिख रही हैं।
दरअसल विकासखंड मुख्यालय देवाल की 5 हजार से अधिक की आबादी के एक बड़े हिस्से को स्वछ पीने के पानी की आपूर्ति के लिए वर्षों पूर्व हाटकल्याणी गांव के पास बहने वाले गमलीगाड़ गद्देरे के पानी से स्रोत से एक बड़ी पानी की योजना दशकों पहले बनाई गई थी। किंतु 2017-18 से इस योजना के मूल स्रोत पर बड़े स्तर पर हो रहे भारी भूस्खलन के कारण जहां एक ओर कई-कई दिनों तक पानी की आपूर्ति ठप रहना आम बात हो गई हैं।
वही जैसे-तैसे उत्तराखंड जल संस्थान के द्वारा पानी की आपूर्ति बहाल करने पर नागरिकों तक स्वछ पानी के बजाय बरसात के 4 महिनों तक गंदले पानी की आपूर्ति होती रहती हैं। आपूर्ति होने वाला पानी इस कदर गंदा आता है कि पीना तो दूर की बात हैं। नागरिक इस पानी से कपड़े एवं हाथ मूंह तक नही धो पाते हैं।इस बार भी पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से लगातार हो रही बारिश के कारण एक बार फिर से देवाल के वासिंदों को स्वछ पानी के लिए भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
क्यूं कि फिर से पाईप लाईनों से गंदे पानी की सप्लाई शुरू हो गई हैं। पिछले 4 सालों से अधिक समय से एक बड़ी आबादी को गंदा पानी मिलने एवं स्रोत में हो रहें लगातार भूस्खलन के कारण देवाल मुख्यालय की जनता किसी दूसरे स्रोत से पानी की आपूर्ति करने की मांग करते आ रही हैं। इस संबंध में देवाल की पूर्व प्रमुख उर्मिला बिष्ट ने बताया कि ब्लाक मुख्यालय की जनता अंयत्र स्रोत अथवा कैल, पिंडर नदियों से पंपिंग योजना के जरिए पानी की शासन-प्रशासन से विगद 4 वर्षों से मांग करते आ रही हैं। किंतु सिवाय लोगों को आश्वासनों के धरातल पर कोई भी काम नही हो पाया हैं।
इस संबंध में देवाल के ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू ने बताया कि सरकार के द्वारा ब्लाक मुख्यालय के लिए घेस मोटर सड़क पर लौसरी गांव के पास स्थित हनीगाड़ स्रोत से देवाल के लिए पानी की आपूर्ति एवं हाटकल्याणी के गमलीगाड़ स्रोत में हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए जल निगम कर्णप्रयाग के द्वारा योजनाओं की डीपीआर तैयार कर शासन को भेजने की कार्रवाई की जा रही हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जल्द ही डीपीआर को स्वीकृति मिल जाएगी और योजना पर काम शुरू हो जाएगा जिससे मुख्यालय की जनता को बड़ी राहत मिल सकेगी। इस संबंध में जल निगम कर्णप्रयाग के अधिशासी अभियंता मदन पुरी ने बताया कि निगम ने कुछ साल पहले हनीगाड से नई पेयजल योजना के निर्माण के अलावा गमलीगाड़ स्रोत की मरम्मत का आंगणन तैयार कर शासन को भेजा गया था।
जिस पर स्वीकृति नही मिल पाई। इसके बाद एक बार फिर से पिछले दिनों दूसरी डीपीआर तैयार कर अधीक्षण अभियंता को डीपीआर भेजी गई।जिस पर एससी स्तर पर कुछ आपत्तियां लगी हैं जिन्हें दूर कर पुनः भेजा जा रहा हैं।
इस संबंध में अधीक्षण अभियंता जल निगम गोपेश्वर महेंद्र सिंह ने बताया कि पहले एक प्रस्ताव नदी से पंपिंग के जरिए देवाल को पानी पहुंचाने का सरकार को दिया गया था। जो शासन स्तर पर रिजेक्ट कर दिया गया हैं। उसके बाद जल जीवन मिशन के तहत आंगणन तैयार किया जा रहा हैं। पेयजल की स्वछ आपूर्ति के संबंध में जल संस्थान कर्णप्रयाग के अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार ने बताया कि गमलीगाड़ पेयजल स्रोत से गंदा पानी आने की सूचना के बाद संस्थान के द्वारा एक टैंकर पानी की आपूर्ति के लिए कर्णप्रयाग से देवाल के लिए रवाना कर दिया गया हैं। इसके अलावा 250 मीटर एल्काथीन पाइप भेजा गया हैं। ताकि नागरिकों को स्वछ पानी की आपूर्ति की जा सकें। कहां कि जरूरत पड़ने पर देवाल के लिए दूसरा टैंकर भी भेजा जा सकता हैं।