थराली से हरेंद्र बिष्ट।
सदियों से भ्रमणकारी एवं उत्तराखंड के एक बड़े हिस्से के देवी भक्तों की कुल देवी एवं बधाणपट्टी के ध्याणी नंदा भगवती के छह मासी प्रवास स्थल देवराड़ा जिसे नंदा देवी का ननीहाल भी माना जाता है, को आज भी धार्मिक मानचित्र पर स्थान नहीं मिल पाया है। जिसका पूरी बधाण पट्टी के साथ ही नंदाक पट्टी व कुमाऊं की कत्यूर पट्टी के नंदा भक्तों को मलाल बना हुआ है।
दरअसल नंदा देवी जिसकी प्रति वर्ष भादो मास में कुरूड़ घाट से बैदनी बुग्याल तक यात्रा होती है और 12 वर्षों में राजजात होती है, उस नंदा देवी का उत्सव डोला छह मास कुरूड़ जिसे देवी का मायका माना जाता है और वेदनी बुग्याल से लौट कर छह माह देवराड़ा जिसे नंदा का ननीहाल माना जाता है, प्रवास करता है। एक तरह से कुरूड़ व देवराड़ा स्थित मंदिर नंदा के शक्ति पीठ हैं। परंतु आज तक देवराड़ा मंदिर को राज्य के धार्मिक मानचित्र में सम्मिलित करना तो दूर 2014 में आयोजित हुई नंदा राजजात यात्रा के दौरान जारी किए गए पड़ावों की सूची तक में भी इसे शामिल नहीं किया गया था। जिससे नंदा भक्त आहत हैं। प्रचार प्रसार के अभाव में नंदा भक्त इस सिद्धपीठ में नहीं आ पाते हैं। जिसका स्थानीय लोगों के साथ ही सरकार को भी नुकसान हो रहा है।
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मान्यता के अनुसार नंदा देवी सात देवी भगवतियों में सब से छोटी किंतु सबसे शक्तिशाली है। जिसकी शक्ति के आगे मानव तो दूरी देवता एवं दानव भी नतमस्तक रहते हैं। वेदनी में नंदा के मुख्य पुजारियों में सम्लित कुनियाल ब्राह्मणों के वंशज एवं देवाल के पूर्व प्रमुख डीडी कुनियाल के अनुसार चमोली जिले में नंदा को कुल देवी के साथ ही अलग.अलग हिस्सों में अलग.अलग रूपों में पूजा जाता है। यहां पर उसे नातिनी, बेटी, बहिन और बहू के रूप में पूजा जाता है, जोकि शायद ही देश के किसी अन्य भाग में देखने को मिलता होगा।
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थराली के नगर पंचायत अध्यक्ष दीपा देवी, देवराड़ा की पार्षद सीमा देवी व कृष्णपाल गुसाईं ने गत दिवस क्षेत्र भ्रमण पर पहुंचे पूर्व सीएम एवं गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत एवं थराली क्षेत्र के विधायक भूपाल राम टम्टा को एक मार्मिक ज्ञापन सौंपा। जिसमें आज तक भी देवराड़ा शक्तिपीठ को धार्मिक मानचित्र में शामिल नहीं किए जाने, लोक जात एवं 12 वर्षों में एक बार आयोजित होने वाली राजजात का पड़ाव घोषित ना होने एवं प्रचार.प्रसार नहीं करने पर अफसोस जाहिर करते हुए इस सिद्धपीठ के विकास का अनुरोध किया है। सांसद ने इस पीठ के विकास के लिए हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है।