रिपोर्ट-हरेंद्र बिष्ट।
थराली। विकासखंड देवाल के अंतर्गत देवाल-सुयालकोट-खेता मोटर सड़क के पिछले एक पखवाड़े से सुयालकोट में अवरूद्ध पड़े होने के कारण मानमती क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों का यात्रा संपर्क जिला मुख्यालय गोपेश्वर सहित देश के अन्य भागों से कटा हुआ हैं।आये दिन पहाड़ी से भूस्खलन होने एवं सड़क के पिंडर नदी में समां जाने के कारण अब क्षेत्रीय जनता वैकल्पिक सड़क के निर्माण की मांग करने लगी हैं।
दरअसल पिछले वर्ष 28-29 अक्टूबर को अचानक देवाल-खेता मोटर सड़क पर सुयालकोट नामक स्थान पर भारी भूस्खलन के करीब 50 मीटर सड़क टूट कर पिंडर नदी में जा समाई और इस स्थान पर लगातार भूस्खलन सुरू हो गया। एक पखवाड़े से अधिक समय तक भूस्खलन होने के कारण पीएमजीएसवाई कर्णप्रयाग डीविजन के सड़क खोलने के तमाम प्रयास विफल रहे।बाद में भूस्खलन रूकने के बाद पीएमजीएसवाई ने करीब डेढ़ माह बाद सड़क को यातायात के लिए खोल दिया।इस दौरान शासन के निर्देशों पर इस सड़क को पीएमजीएसवाई से लोनिवि थराली को सौंप दिया गया।इस दौरान पहाड़ी से मलुवा गिरने के कारण सड़क बन्द होती रही परंतु लोनिवि सड़क को खोलती रही। किंतु एक पखवाड़े पूर्व अचानक सुयालकोट की पहाड़ी बड़े स्तर पर दरक गई। और एक बार फिर से सड़क का एक बड़ा हिस्सा फिर से पिंडर नदी में समां गया हैं। लोनिवि थराली के सहायक अभियंता निरंजन सिंह रावत ने बताया कि सड़क पर रूक-रूक कर मलुवा, पत्थर एवं बोल्डरों के गिरने के कारण सड़क खोलने के प्रयास सफल नही हो पा रहें हैं। विभाग ने यहां पर दो मशीनें सड़क खोलने के लिए तैनात किए हैं।परस्थितिया अनुकूल रही तों आने वाले दिनों में सड़क को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।इस ग्रामीणों ने बताया कि सड़क अवरूद्ध होने के कारण 12 गांव के 10 हजार से अधिक की आबादी को आनेजाने में जहां भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।वही इस क्षेत्र में खाद्यान्नों सहित सभी जरूरी वस्तुओं की कीमतें काफी अधिक बढ़ गऐ हैं।
पिछले सात महीनों से सड़क पर सुयालकोट में आए दिन भूस्खलन होने के चलते भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ के मंडल अध्यक्ष रूपचंद्र सिंह कुंवर, देवाल के पूर्व जेष्ठ प्रमुख हरेंद्र कोटेड़ी, मेलखेत के प्रधान उर्वीदत्त जोशी, नलधुरा सधन सहकारी समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह गड़िया, कांग्रेस नेता खिलाप सिंह दानू आदि ने शासन, प्रशासन एवं लोनिवि से पिछले सात महीनों से सुयालकोट में हो रहे भूस्खलन को देखते हुए मानमती क्षेत्र के लिए वैकल्पिक सड़क बनाने की मांग की हैं।