प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। सुबह दस बजे के करीब चमोली जिले के ऋषिगंगा के उद्गम स्थल पर ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा में भयानक बाढ़ आई है। जिसमें ऋषिगंगा प्रोजेक्ट ध्वस्त हो गया है, दो निर्माणाधीन पुल भी ध्वस्त हुए हैं। इन प्रोजेक्ट में काम पर लगे मजदूरों के बहने की आशंका जताई जा रही है, हालांकि कितनी जन हानि हुई है, इसकी पुख्ता खबर नहीं मिल पाई है। आशंका जताई जा रही है कि ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में काम कर रहे करी 150 मजदूर इस आपदा में बह गए हैं। हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृह मंत्री ने उत्तराखंड को हर संभव सहायकता की घोषणा की है। दिल्ली से एनडीआरएफ की टीम रवाना हुई है, इससे पहले औली समेत स्थानीय स्तर पर आईटीबीपी की टीम राहत तथा बचाव कार्य में जुट गई है। देहरादून से एसडीआरएफ की टीम रवाना हो गई है। स्थानीय प्रशासन भी राहत बचाव कार्य में जुटे हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत मौके पर पहुंच गए हैं।
जोशीमठ..नंदा देवी पर्वत की तलहटी से ग्लेशियर फटने के बाद जबरदस्त तबाही मची है। रेणी में ऋषि गंगा प्रोजेक्ट व तपोवन में निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगार परियोजना में भारी तबाही मची है।। सेना व आईटीबीपी ने मोर्चा संभाला। घटना के बाद नीति.मलारी घाटी का संपर्क कटा।
प्राप्त विवरण के अनुसार रविवार प्रातः रेणी गाँव के ठीक ऊपर नंदा देवी की तलहटी से ग्लेशियर फटने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इस भीषण घटना के बाद रेणी ऋषिगंगा मे कार्यरत 40 लोगों के लापता होने की आशंका व्यक्त की जा रही है, जबकि तपोवन.विष्णुगार परियोजना के बैराज व टनल में सुबह की शिफ्ट मे कार्य रहे करीब डेढ़ सौ से दो सौ लोगों के लापता होने की खबरें आ रही है। घटना के बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर जायजा लिया। हालात की गंभीरता को देखते सेना व आईटीबीपी ने राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है। सेना के डोज़र तथा सैकड़ों जवानों ने मौके पर कार्य शुरू कर दिया है। बीआरओ भी रेणी मे वैली ब्रिज निमार्ण के लिये ब्रिज सामग्री को रेणी पहुंचा रहा है। उस भीषण घटना मे दोनों प्रोजेक्ट मे कार्यरत स्थानीय लोग भी आहत हुए हैं।जिनकी वास्तविक संख्या की अभी जानकारी नहीं हो सकी। कुछ मजदूरों के टनल में फंसने की आशंका जताई जा रही है। उन्हें आक्सीजन कमी होने का खतरा है। उनको बचाने के लिए राहत बचाव कार्य किया जा रहा है।