जिला प्रशासन के प्रतिनिधि उप जिलाधिकारी जोशीमठ कुमकुम जोशी एवं एडीएम चमोली ने मंदोदरी देवी के हेलंग स्थित आवास पहुंचकर उनसे बातीचत की। गौरतलब है कि 15 जुलाई 2022 को जंगल से घास काटकर ला रही मंदोदरी देवी से पुलिस प्रशासन ने घास छीना था और उन्हें जोशीमठ लेजाकर छह घंटे तक थाने में बैठाकर रखा गया।
अपने जल, जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ रही महिला लगातार कहती रही है कि जंगल में डंपिंग जोन मत बनाओ। यह हमारी धरोहर है, इसको हम लोगों ने पाला पोसा हर दिन जब घर से बाहर निकलती हूं तो मुझे यही जंगल दिखता है। उन्होंने कहा कि 32 साल पहले शादी होकर इस गांव में आई थी। यहां पर जब आई थी मेरी छोटी सी गौशाला थी। यहां निवास करते थे, हम लोग हर दिन यहां पर अपने पशुओं के लिए घास चारा लाते थे और यहां इस जंगल का हमने संरक्षण किया। किंतु आज जिस जंगल को हमने बचाया, उसी जंगल के हमें चोर कहा जा रहा है।
अधिकारिक रूप से मालूम तो नहीं चला कि उप जिलाधिकारी जोशीमठ एवं एडीएम चमोली किस काम के लिए महिला के पास पहुंचे थे। कुछ भी हो जिस महिला को 15 जुलाई 2022 को विकास कार्यों में रोड़ा अटकाने के नाम पर उसका घास का बोझ जमीन पर रखने तक नहीं दिया, वहां पर प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे, उसने इतना ही कहा कि मेरे पास का जंगल है, यहां मलबा मत डालो। इन्होंने इतना ही नहीं इस प्रकरण में पहले भी उप जिलाधिकारी जोशीमठ को पत्र लिखा। जिलाधिकारी को पत्र लिखा, वन मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखा। किसी ने नहीं सुनी। वह कहती है मेरी आवाज सुनी तो प्रकृति ने या सामने पर पैनखंडा प्रण खंडेश्वरी देवी ने जो सारे लोगों के पास हमारी बात को पहुंचाएं। सच्चाई क्या है लोगों की समझ में आई। पूरे प्रदेश भर के लोग हेंलग आए और सच्चाई सामने पर आ गई। उन्होंने कहा कि मैं एक गरीब घर कि महिला हूं मेरी आजीविका जीवन भर पशुपालन से होता रहा। किंतु मेरे साथ जो कुछ हुआ मैं उससे अभी भी उबर नहीं पाई हूं। कोई कहता है कि न्याय जरूर मिलेगा। इस तरह कितने लोग होंगे कि जो न्याय के लिए भटक रहे होंगे।
लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट