कमल बिष्ट/उत्तराखंड समाचार।
कोटद्वार। वनाग्नि घटनाओं की रोकथाम हेतु जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने एनआईसी कक्ष में समीक्षा बैठक ली। उन्होंने ब्लाॅक स्तर पर नामित नोडल अधिकारियों व अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी बनायें रखें, जंगलों में आग लगने पर तत्काल कंट्रोल रूम में उसकी जानकारी दें। वनाग्नि की जानकारी कंट्रोल रूम में न देने पर जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी, नोडल अधिकारी कोट का स्पष्टीकरण तलब किया।
गुरूवार को वनाग्नि घटनाओं की रोकथाम बैठक में जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारी, वन विभाग, पुलिस व ब्लाक स्तर पर नामित नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रतिदिन वनाग्नि की रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम को प्रस्तुत करें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कहा कि जंगलों में आग लगाने वाले लोेगों का पता चलता है तो तत्काल उसने विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्रों में वनाग्नि की रोकथाम के लिए ग्रामीण स्तर पर लोगों के साथ बैठक करें। जिससे जंगलों में आग लगने पर वनों को बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदार अधिकारी वनाग्नि जैसी घटनाओं के प्रति लापरवाही बरतेंगेेे उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने वन विभाग का एक कार्मिक आपदा प्रबंधन कंट्रोल में तैनात करने के निर्देश डीएफओ को दिये। उन्होंने परिवहन विभाग को कहा कि विभिन्न रूटो पर चलने वाले वाहन चालकों को कंट्रोल रूम का नम्बर दें, जिससे वह आग लगने की जानकारी कंट्रोल रूम को बता सकेंगे। जिलाधिकारी ने आमजनमानस से अपील करते हुए भी कहा कि जंगलों में आग लगने पर उसकी जानकारी कंट्रोल रूम को दें, जिससे वनो को बचाया जा सकेगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे, मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे, डीएफओ गढ़वाल स्वप्निल अनिरूद्ध, डीएफओ सीविल एवं सोयम के.एन. भारती, उपजिलाधिकारी सदर आकाश जोशी, खंड विकास अधिकारी शिव सिंह भंडारी व अन्य अधिकारी वीसी के माध्यम से जुडे़ थे।