रिपोर्टर : प्रियांशु सक्सेना
डोईवाला। राज्य सरकार द्वारा देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अंतर्गत 30 स्मार्ट इलेक्ट्रिक बस ‘देहरादून कनेक्ट’ सेवा शुरू की गई। जो की आईएसबीटी देहरादून से जौलीग्रांट एयरपोर्ट, आईएसबीटी से राजपुर, आईएसबीटी से सहसपुर, आईएसबीटी से सहस्त्रधारा, आईएसबीटी से मालदेवता और मालदेवता से लांघा रोड़ के रूट पर चलेंगी।
सरकार द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए चलाई जा रही स्मार्ट इलेक्ट्रिक बस घाटे का सौदा साबित होती नजर आ रही है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्मार्ट इलेक्ट्रिक बस सड़कों पर बिना यात्रियों के दौड़ रही है।
सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक बस के माध्यम से विश्व में बड़ रहे प्रदूषण को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है परंतु सरकार की यह कोशिश आईएसबीटी टू जौलीग्रांट मार्ग पर असफल होती दिख रही है।
दरहसल, आईएसबीटी देहरादून से जौलीग्रांट हवाई अड्डे वाया रिसपाना और हवाई अड्डे से पुनः आईएसबीटी के बीच दौड़ रही स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसे बिना यात्रियों के ही सड़को पर सफर कर रही है। एक दिन में करीब 35–40 चक्कर मार रही बस लगभग पूर्ण रूप से खाली चल रही है।
इस रूट में यात्रियों की संख्या ना के बराबर है। स्थानीय लोगों का कहना है की सरकार का यह फैसला घाटे का सौदा है। पेट्रोल और डीजल पर खर्चा न होने के बावजूद भी सरकार के इस फैसले से नुकसान झेलना पड़ रहा है। क्योंकि बस को हर चक्कर में टोल बैरियर से गुजरना पड़ता है। परंतु यात्रियों की संख्या शूनियो होने से टोल, मेंटेनेंस आदि का खर्चा सरकार को अपनी जेब से देना पड़ रहा है।