रिपोर्टर-प्रियांशु सक्सेना
डोईवाला। सिमलास ग्रांट के झड़ौद गांव में सोमवार रात्रि को जंगली हाथियों ने गन्ने की फसल को नष्ट कर दिया। अब तक न तो किसानों को पूर्व में क्षति हुई फसल का मुआवजा मिला है और न ही अब तक सौर ऊर्जा बाड़ लग पायी है।
साथ ही हाथियों से सुरक्षा के लिए बनी दीवार भी अधूरी है। जिससे आए दिन हाथी व अन्य जंगली जानवर फसलों को नष्ट कर देते हैं एवं ग्रामीणों में जान माल का खतरा भी निरंतर बना रहता है। किसान गीता देवी, विरेंद्र कुमार, जागीर सिंह, कल्याण सिंह व जैब सिंह आदि की फसलों को हाथियों के झुंड ने रात्रि में नष्ट कर दिया है।
पूर्व प्रधान उमेद बोरा ने बताया की किसानों को जंगली जानवरों से कारण हुई फसल में नुकसान का मुआवजा नहीं मिल रहा है, जिससे किसान आर्थिक संकट में है। मुआवजा लेने के लिए राजस्व विभाग की रिपोर्ट व वन विभाग की रिपोर्ट संयुक्त रुप से लगती है लेकिन दोनों विभागों द्वारा एक साथ सर्वे नहीं करने से किसानों को मुआवजा नहीं मिल रहा है।
साथ ही किसान व ग्रामीण सुरक्षा दीवार निर्माण कार्य की मांग कर रहे है परंतु वह भी अब तक पूरी नहीं हुई है और न ही सौर ऊर्जा बाढ़ सही तरीके से अभी तक नहीं लग पाई है। टाईगर रिजर्व पार्क के साथ शिवालिक श्रेणी के जंगलों से घिरा क्षेत्र के किसान परेशानी झेलने को मजबूर हैं।
किसानों ने मांग की है की समय पर उचित कार्रवाई कर मुआवजा दिया जाए। साथ ही हाथी दीवार बनाने के साथ सौर ऊर्जा बाढ़ लगाई जाए व पूर्व का बकाया मुआवजा किसानों को जल्द से जल्द दिया जाए, नहीं तो किसानों के द्वारा धरना प्रदर्शन किया जायेगा।