डोईवाला (प्रियांशु सक्सेना)। हिमालय दिवस के अवसर पर स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें हिमालय दिवस की परिकल्पना व उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए शिक्षाविद डा राजेश नैथानी ने कहा हिमालय से परिस्थितियाँ मेदानी क्षेत्रों के अलग है। हिमालय के लिए हिमालय की पारिस्थितिकी के अनुकूल योजनाएं बनायी जाए। ग्रीन एनर्जी, हिम नदों का सरंक्षण संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति, क्षमता विकास के पहलू हिमालय दिवस से जुड़े हैं। कुलपति काशीनाथ जैना ने कहा कि हिमालय एक जटिल परिस्थितियों वाला क्षेत्र है। पूर्व भारतीय वन सेवा अधिकारी विनोद उनियाल ने कहा हिमालय एक जीवित व्यवस्था है। इसके लिए संरक्षण संवर्धन पर कार्य करने की जरूरत है। एचएनबी विवि के पूर्व कुलपति डा एसपी सिंह ने हिमालय को तीसरा ध्रुव बताते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा हिमनदों का गलना चिन्ता की बात है।