देहरादून, 10 सितंबर, 2025 – दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र द्वारा आज दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक एक आकर्षक वित्तीय साक्षरता सत्र नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का एक परिचयात्मक सत्र कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस सत्र का संचालन सेबी-प्रमाणित प्रतिभूति बाजार प्रशिक्षक डॉ. सुनील मदान द्वारा सफलता पूर्वक किया गया।
सुनील मदान ने युवाओं वित्तीय साक्षरता के इस सत्र में- जीवन लक्ष्यों के लिए एक मजबूत आधार का निर्माण शीर्षक के तहत कई आवश्यक बिन्दुओं को शामिल करते हुए व्यापक प्रकाश डाला.
उन्होनें इस क्रम में वित्तीय साक्षरता के 6 स्तंभों यथा- ज़रूरतें बनाम चाहत बनाम चाहत, 50-30-20 नियम, निवेश के सिद्धांत (निवेश के सूत्र),म्युचुअल फंड और उनके लाभ के अलावा बाजार में धोखाधड़ी के प्रकार और उनसे कैसे बचा जाय पर इस पर भी अपनी बात रखी
प्रतिभागियों को अपने वित्त का बुद्धिमानी से प्रबंधन करने, भविष्य के लक्ष्यों की योजना बनाने, तथा संभावित जोखिमों के बारे में जागरूक रहते हुए सूचित निवेश निर्णय लेने के लिए व्यावहारिक उपकरण और ज्ञान की जानकारी भी प्रदान की गयी।
यह कार्यक्रम सभी के लिए निःशुल्क रखा गया था. मुख्य रूप से इस सत्र का उद्देश्य सभी क्षेत्रों के व्यक्तियों में वित्तीय जागरूकता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देना था। यह आयोजन देश भर में वित्तीय साक्षरता फैलाने और निवेशकों को सशक्त बनाने की एनएसई की पहल का हिस्सा है।
कार्यक्रम के दौरान युवा प्रतिभागियों द्वारा सम्बधित पक्षों पर सवाल – जबाब भी किये गये.
उल्लेखनीय है कि डॉ. सुनील मदान, पूर्व में डीबीएस ग्लोबल यूनिवर्सिटी, देहरादून में एसोसिएट प्रोफेसर (एडजंक्ट) और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं रणनीति के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे. उनके पास व्यापक कॉर्पोरेट और शैक्षणिक अनुभव है। उन्हें भारत, केन्या और यूके में फार्मास्युटिकल क्षेत्र में व्यवसाय विकास में 20 वर्षों का और शिक्षा जगत में 15 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने 100 से अधिक वित्तीय साक्षरता कार्यशालाएँ आयोजित की हैं. साथ ही प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में उनके शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित लोगों और अतिथि वक्ता का स्वागत किया.
इस दौरान डॉ. वी बी चौरसिया, विनोद सकलानी, सुन्दर सिंह विष्ट, शुभम ममगांईं, अंकिता,जगदीश सिंह महर, राकेश कुमार अवतार सिंह, सहित बड़ी संख्या में दून पुस्तकालय में अध्ययनरत युवा छात्र,शिक्षक, और अन्य लोग उपस्थित रहे।