देहरादून, 25 नवंबर 2025। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से साहस फाउंडेशन समावेशी संसाधन केंद्र के सहयोग से डिजिटल समावेशन और सुलभ डिज़ाइन क्यों मायने रखता है,विषय पर ऐश्वर्य मिश्रा, मुख्य अधिशासी अधिकारी, इन्जिगा और रोबस्टेट से शाहब नक़वी ने एक बातचीत का आयोजन किया गया।
मुख्य रूप से इस वार्ता में भारत के डिजिटल प्रचार में सुलभ डिज़ाइन का महत्व,विकलांग लोगों के सामने आने वाली चुनौतियाँ,व्यावहारिक प्रदर्शन और कार्यान्वयन योग्य समावेशी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के लिए कदम और सुलभ डिजिटल समाधान पर बात की गयी।
एश्वर्य मिश्रा ने शाहब नक़वी के सवालों पर अपनी बात रखते हुए कहा अभी डिजिटल समावेशन व सुलभ डिज़ाइन क्यों महत्वपूर्ण है इसे समझना बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंनेजैसे-जैसे भारत पूरी तरह से डिजिटल भविष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है, दिव्यांगजन—खासकर ग्रामीण, पहाड़ी या दूरदराज के इलाकों में रहने वाले—और भी हाशिये पर धकेले जा रहे हैं। यह बहिष्कार ज़्यादातर इसलिए होता है क्योंकि डिजिटल उपकरण, प्लेटफ़ॉर्म और जानकारी सुलभ बनाने के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं। समावेशन का इरादा मज़बूत है, लेकिन सभी के लिए डिज़ाइन करने का कौशल और जागरूकता अभी भी गायब है।
शाहब नक़वी ने कहा सत्र में आयी बातें इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि सुलभ डिज़ाइन भारत की डिजिटल यात्रा का एक मुख्य हिस्सा किस लिए बनना चाहिए।
उन्होनें आगे कहा कि हमें इज़िंगा सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड और रोबस्टेस्ट की सीईओ श्री ऐश्वर्या मिश्रा की मेज़बानी करते हुए गर्व हो रहा है, जिन्होंने गहराई से इस बारे में बात की कि लोग तकनीक को कैसे अपनाते हैं और सुलभता क्यों ज़रूरी है.
वास्तविक जीवन के उदाहरणों और लाइव प्रदर्शनों के माध्यम से, ऐश्वर्य ने कहा कि कैसे सुलभ वेबसाइट, मीडिया और सोशल प्लेटफ़ॉर्म वास्तविक, मापनीय समावेशन का निर्माण कर सकते हैं। उनका व्याख्यान ऐसी तकनीक के निर्माण के लिए इसके स्पष्ट, व्यावहारिक कदम सुझाये जो हर नागरिक का स्वागत कर सके । भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में, सामूहिक शिक्षा, साझा विकास और वास्तविक रूप से समावेशी सार्वजनिक स्थानों के लिए यह दृष्टिकोण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बातचीत के बाद लोगों ने एश्वर्य से सवाल-जबाव भी किये.
कार्यक्रम से पूर्व दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने . आतिथि कक्ताओं और लोगों को स्वागत करते हुए इस आयोजन को महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम में विभापुरी दास, विनोद डोभाल, देवेन्द्र कांडपाल, अम्मार नकवी, गजेन्द्र नौटियाल सुन्दर सिंह बिष्ट, के बी नैथानी,गौरव मिश्रा,श्वेता, बी.एस.रावत,डॉ.सी.एम.नौटियाल,आलोक, संदीप तोमर, सरीन सहित शहर के युवा पाठक, लेखक साहित्यकार, आदि अनेक लोग शामिल रहे.











