दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस का आयोजन किया गया। डा रंगनाथन की जयंती पर आयोजित विशेष गोष्ठी की अध्यक्षता एन एस नपच्याल,पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन ने की तथा विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध जनकवि व लेखक डा. अतुल शर्मा ने की । इस अवसर पर दूनविश्वविद्याल के पुस्तकालयाध्यक डॉ. आशीष कुमार मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित रहे।
लेखक व जनकवि डा.अतुल शर्मा ने कहा कि हर घर मे निजी लाईब्रेरी होनी चाहिए जो कि बहुत अति आवश्यक होती है।लेखक होने के नाते शब्द का घर पुस्तके है और पुस्तको का घर है लाईब्रेरी ।
एन एस नपच्याल ने कहा कि लाईब्रेरी की अपनी एक विशिष्ट पहचान होनी चाहिए। दून लाईब्रेरी मे हिमालय से सम्बन्धित अधिक पुस्तके रखी जा रही है।
डा. आशीष कुमार ने डिजिटल लाईब्रेरी की चुनौती पर चर्चा की । मीनाक्षी कुकरेती ने भी कृत्रिम बुद्धिमता व पुस्तकालय पर विचार रखे।
इस अवसर पर जय भगवान गोयल ने अतिथि स्वागत किया, और डा रंगनाथन का परिचय दिया. मेघा विल्सन ने बाल अनुभाग की गतिविधियों पर विडियो दिखाया .
इस कार्यक्रम मे डा.लालता प्रसाद,रिषभ बडोनी, उत्सव बडोनी, लक्ष्य सिह महर ने भी विचार रखे. वैदेही भट्ट ने भरतनाट्यम कर सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की.
कार्यक्रम का संचालन दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी नेकिया।
इस कार्यक्रम मे पीताम्बर जोशी, डॉ. लालता प्रसाद, हरिचंद निमेश, एस.पी. रतूड़ी, रमेश गोयल सहित दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सभी पुस्तकालय कर्मी, सदस्य गण, पाठक उपस्थित रहे ।