ज्योतिर्मठ, 17 नवंबर।
स्वास्थ्य सुविधाओं से बदहाल सीमावर्ती क्षेत्र जोशीमठ के लोगों को बेहतर चिकत्सीय सेवा देने के ध्येय से सरकारी नौकरी से दूर रहे प्रख्यात चिकित्सक डाँ सुदर्शन सिंह भण्डारी के आकस्मिक निधन से पैनखंडा जोशीमठ एवं दसोली क्षेत्र शोक की लहर मे डूबा है,, सैकड़ो लोगों को नई जिंदगी देने वाले डाँ भण्डारी स्वयं जिंदगी की जंग हार गए।
डाँ भण्डारी का निधन देहरादून के कैलाश अस्पताल मे हुआ, सोमवार को विष्णुप्रयाग घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ, जिसमें बड़ी संख्या मे पैनखंडा जोशीमठ के गाँव गाँव से पहुंचे लोगों ने अंतिम यात्रा मे सिरकत की।
बेहद मृदु भाषी जनता की सेवा के लिए समर्पित डाँ भण्डारी ने केजीएमसी लखनऊ से एमबीबीएस करने के बाद केवल छः माह श्री बद्रीनाथ धाम मे क्लीनिक खोलकर कैरियर की शुरुवात की, और उसके बाद सीमांत नगर जोशीमठ को ही अपनी कर्मस्थली चुना और करीब चालीस वर्षो तक जोशीमठ मे ही चिकत्सा सेवा देते रहे।
मूल रूप से पाण्डुकेश्वर गाँव के निवासी डाँ भण्डारी न केवल जोशीमठ बल्कि विवेकानंद हॉस्पिटल पीपलकोटी मे भी अल्ट्रासॉउन्ड सुविधा के माध्यम से दोनों विकास खण्डो की जनता को सेवाएं देते रहे। उनके निधन से पूरे क्षेत्र की अपूरणीय क्षति हुई है।












