थराली से हरेंद्र बिष्ट
लोनिवि थराली के द्वारा पिंडर नदी को आर.पार करने के लिए देवाल विकासखंड के ओड़र में लगाई गई विद्युत चालित इलक्ट्रानिक ट्राली के करीब तीन घंटों तक पिंडर नदी के बीचों.बीच फंसे रहने के कारण इसमें सवार 4 महिलाओं की सांसें 3 घंटों तक अटकी रही। किसी तरह हिम्मत करके ओड़र के ग्रामीणों ने एक अन्य दूसरी रस्सी के सहारे ट्राली को खींच कर चारों महिलाओं को सुरक्षित बहार निकालने में सफलता हासिल की। सूचना के बावजूद भी लोनिवि थराली के सक्षम अधिकारी के घटनास्थल पर नही पहुंचने पर ग्रामीणों ने रोष व्यक्त किया है।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सुबह करीब 8.15 बजे ओड़र गांव की कमला देवी मधुली देवी, मुन्नी देवी एवं मीना देवी पिंडर नदी को पार करने के लिए गमलीगाड़.ओड़र के बीच पिंडर नदी पर लोनिवि थराली के द्वारा लगाईं गई इलैक्ट्रोनिक ट्राली में सवार हुए। किंतु ट्राली आधे नदी में जा कर अचानक रूक गई और चारों महिलाएं बीच नदी में ट्राली में ही लटकी रह गई। जिससे महिलाओं के साथ ही उनके परिजनों एवं देखने वालों की सांसें अटक गई।
आनन. फानन में इसकी सूचना लोनिवि थराली के अधिकारियों के साथ ही प्रशासन को दी गई। इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीणों ने स्वंयम भी राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। किसी तरह गांव के युवक ट्राली के चलने के लिए डाली गई ट्राली की मदद से ट्राली तक पहुंचें और ट्राली को रस्सी से बांध कर किसी तरह खीचा और दोपहर करीब 11.15 बजें महिलाओं को सुरक्षित ट्राली से उतार गया। महिलाओं के सुरक्षित ट्राली से उतारने पर महिलाओं के परिजनों एवं स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। ओड़र के क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह गड़िया ने बताया कि ट्राली फंसने की सूचना उन्होंने सांसद तीरथ सिंह रावत के पीआरओ को भी दी। किंतु घटना के कई घंटों बाद भी लोनिवि के जिम्मेदार अधिकारी ट्राली स्थल पर नही पहुंचे हैं।
उन्होंने कहा कि आए दिन इस ट्राली के खराब हो जाने के कारण ओड़र एवं आसपास के ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। बताया कि 2013 की आपदा में यहा पर निर्मित झूला पुल नदी की भेट चढ गया था।तभी से ग्रामीण यहां पर स्थाई झूला पुल के निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, किंतु अब तक इस ओर अपेक्षित कार्यवाही नही हो सकी हैं। जिससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त हैं।