• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar

आपातकाल की 50 वीं बरसी सामूहिक नसबंदी

25/06/25
in उत्तराखंड, देहरादून
Reading Time: 1min read
0
SHARES
5
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
देश 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा भारत में लगाए गए आपातकाल की 50वीं बरसी मना रहा है। सामूहिक नसबंदी अभियान की यादें आज भी जीवित बचे पीड़ितों को परेशान करती हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य चर्चा को प्रभावित करती हैं। इनमें से कई लोगों की नसबंदी जबरदस्ती की गई थी।अकेले 1976 में, पूरे भारत में 80 लाख से अधिक लोगों की नसबंदी की गई। इनमें से ज्यादातर पुरुष थे, जिनमें से कई लोगों की नसबंदी स्वैच्छिक नहीं थी। दिल्ली के ओखला में रहने वाली 78 वर्षीय इशरत जहां ने कहा, ‘‘यह एक बहुत ही अंधकारमय दौर था — किसी युद्ध से कम नहीं था। हमें नहीं पता था कि अगले दिन क्या होगा। मुझे याद है कि हमलोग इतने डरे हुए थे कि मेरा परिवार आपातकाल खत्म होने तक दिल्ली से बाहर नहीं गया।अमीना हसन (83) आज भी उस घटना को याद करके सिहर उठती हैं। अलीगढ़ में रहने वाली अमीना ने कहा, ‘‘हम गरीब थे, लेकिन हमारे पास सम्मान था। उन्होंने उसे भी छीन लिया। हमारे इलाके में, जब अधिकारी आते थे, तो लोग खेतों और कुओं में छिपने लगते थे। ऐसा लगता था कि हमें शिकार बनाया जा रहा है।’’दबाव निरंतर और बिना किसी भेदभाव के डाला जा रहा था। ‘अनसेटलिंग मेमोरीज़’ में मानवविज्ञानी एम्मा टार्लो ने बताया है कि कैसे लोक सेवकों, फैक्टरी मजदूरों और पुलिसकर्मियों को अक्सर नसबंदी करवाने के लिए मजबूर किया जाता था। एक कर्मचारी ने उन्हें (टार्लो को) बताया, ‘‘अधिकारियों ने कहा कि आपकी नौकरी तभी रहेगी, जब आप नसबंदी करवाएंगे। मेरे पास सोचने का समय नहीं था। मैंने हामी भर दी, क्योंकि मुझे अपनी नौकरी बचानी थी और अपने परिवार का पालन-पोषण करना था। पुरुष नसबंदी से जुड़ा कलंक इतना गंभीर था कि कई समुदायों में इसे नपुंसकता के बराबर माना जाता था। उस समय पूरे उत्तर भारत में आपातकाल विरोधी एक नारा इस भावना को अभिव्यक्त करता था: ‘नसबंदी के दूत, इंदिरा गांधी की लूट।’’ सबसे हिंसक घटनाओं में से एक दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके में हुई, जो एक ऐतिहासिक मुस्लिम इलाका है। अप्रैल 1976 में, जब वहां रहने वाले लोगों ने शहरी ‘सौंदर्यीकरण’ अभियान से जुड़े तोड़-फोड़ का विरोध किया और नसबंदी कराने से इनकार कर दिया, तो पुलिस ने गोलीबारी शुरू कर दी। पूरे के पूरे परिवार विस्थापित हो गए, घरों को ढहा दिया गया, लेकिन यह इलाका आज भी आपातकाल की ज्यादतियों का स्थायी प्रतीक बना हुआ है। ‘पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ की कार्यकारी निदेशक ने कहा कि आपातकाल के दौरान उठाए गए बलपूर्वक कदमों ने ‘पुरुषों और महिलाओं दोनों के प्रजनन अधिकारों को पीछे धकेल दिया।’? उन्होंने कहा, ‘‘भारत की आबादी को लंबे समय तक डर और कमी की संकीर्ण दृष्टि से देखा जाता था। लेकिन आज, यह मान्यता बढ़ रही है कि हमारे लोग हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं।’पूनम ने कहा, ‘‘भारत की ताकत इसकी युवा आबादी में निहित है इसका जनसांख्यिकीय लाभांश। लेकिन सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के नाते हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी है। यह केवल संख्याओं के बारे में नहीं है – यह शिक्षा, स्वास्थ्य और अवसर के माध्यम से हर जीवन में निवेश करने के बारे में है।’’ आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा. इस दौरान सभी मंत्री अपनी सीटों से खड़े होकर उन लोगों को सम्मान देने के भाव में शामिल हुए जिन्होंने उस दौर में लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया.केंद्रीय मंत्री ने बैठक के बाद जानकारी दी कि वर्ष 2025 को “संविधान हत्या की 50वीं वर्षगांठ” के रूप में याद किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने एक सुर में इस ऐतिहासिक भूल की निंदा करते हुए यह स्वीकार किया कि आपातकाल के दौरान लाखों लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ और लोकतांत्रिक संस्थानों को दबा दिया गया. देश के युवाओं से अपील की गई कि वे आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा करने वाले सेनानियों के संघर्ष से प्रेरणा लें. यह भी कहा गया कि इन सेनानियों ने तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाकर भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक भावना की रक्षा की थी. भाजपा ने आपातकाल को लोकतंत्र पर धब्बा बताया, क्योंकि इसने जनता के अधिकार छीने, अभिव्यक्ति की आजादी कुचली और विपक्ष को जेलों में डाल दिया। दूसरी ओर, विपक्ष ने मौजूदा सरकार पर संविधान विरोधी काम करने का आरोप लगाया, जिसके जवाब में भाजपा ने आपातकाल की याद दिलाई। यह दौर स्वतंत्र भारत के सबसे विवादित समयों में से एक है, जो आज भी राजनीतिक बहस का हिस्सा बना हुआ है। आपातकाल लगे हुए 50 साल हो गए, लेकिन आज तक इसकी गूंज सुनाई देती है. गैर कांग्रेसी दल आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर बार-बार निशाना साधते हैं. आपातकाल के दौरान कुछ ऐसे कदम उठाए गए, जिस पर आज तक विवाद जारी है. राजनीतिक इन्हीं में से एक कदम था, स्टरलाइजेशन का. इसे नसबंदी के रूप में लोग जानते हैं. दिल्ली के एक इलाके में जबरदस्ती नसंबदी को लागू किया गया. ने इसके आदेश दिए थे. एक अनुमान है कि इमरजेंसी के दौरान पूरे देश में करीब 83 लाख लोगों की जबरदस्ती नसबंदी करवाई गई थी. इस कदम के खिलाफ लोगों में बहुत गुस्सा था. आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर, उत्तराखंड सरकार ने एक राज्य-स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। यह कार्यक्रम 25 जून को मुख्यमंत्री आवास में होगा, जहाँ आपातकाल के दौरान मीसा और डीआईआर के तहत जेल में बंद रहे लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर, दिवंगत सेनानियों के परिवारों को भी सम्मानित किया जाएगा और उस दौर के अनुभवों को साझा किया जाएगा। यह एक भावुक और यादगार कार्यक्रम होगा जो लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ने वालों की बहादुरी को याद रखेगा। जिससे यह सुनिश्चित होगा कि कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित हों और देश के इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय को याद रखा जाए। *लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के जानकार दून विश्वविद्यालय में में कार्यरत हैं।*

ShareSendTweet
Previous Post

डोईवाला: प्रबंध समिति की 6 सीटें निर्विरोध, चार सेटों पर होंगे चुनाव

Next Post

सीएम धामी ने लोकतंत्र सेनानियों के मुद्दों को तत्परता से निस्तारण के लिए शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए

Related Posts

उत्तराखंड

पंजाब में चमोली के राजेश के उत्पीड़न के मामले का सीएम ने लिया संज्ञान

June 25, 2025
5
उत्तराखंड

अस्तित्व संस्था के 24 बच्चों ने दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र का भ्रमण किया

June 25, 2025
4
उत्तराखंड

आस्था और भक्ति से भरी कांवड़ यात्रा

June 25, 2025
4
उत्तराखंड

सीएम धामी ने लोकतंत्र सेनानियों के मुद्दों को तत्परता से निस्तारण के लिए शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए

June 25, 2025
5
उत्तराखंड

डोईवाला: प्रबंध समिति की 6 सीटें निर्विरोध, चार सेटों पर होंगे चुनाव

June 25, 2025
38
उत्तराखंड

देहरादून: एसडीआरएफ सेनानायक ने लिया थाना जीआरपी हरिद्वार को गोद

June 25, 2025
12

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

पंजाब में चमोली के राजेश के उत्पीड़न के मामले का सीएम ने लिया संज्ञान

June 25, 2025

अस्तित्व संस्था के 24 बच्चों ने दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र का भ्रमण किया

June 25, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.