अल्मोड़ा। सल्ट से बीजेपी विधायक महेश जीना का राज्य सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ बयानबाजी मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस बयान के बाद कर्मचारियों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है। मंगलवार को अल्मोड़ा में कार्यालय से छुट्टी के बाद शाम को गांधी पार्क में इकठ्ठा होकर कर्मचारियों ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
सभा को संबोधित करते हुए उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज कुमाऊं के अध्यक्ष धीरेंद्र कुमार पाठक व जिला अध्यक्ष पुष्कर सिंह भैसोडा ने कहा है कि सरकारी कर्मचारी पूरी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। विधानसभा चुनावों को भी उन्होंने पूरे समर्पण के साथ सम्पन्न कराया। लेकिन इसके बाद भी कर्मचारियों का आभार व्यक्त करने के बजाय विधायक उनके उत्पीडऩ संबंधी बयान दे रहे हैं। जिसे किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पाठक ने कहा है कि अगर कर्मचारियों के उत्पीडऩ संबंधी कोई भी शिकायत सामने आई तो कर्मचारी सड़कों पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि विगत दिनों सल्ट विधायक द्वारा देघाट और रामनगर में कर्मचारियों के खिलाफ जो गैर जिम्मेदाराना व अमर्यादित बयान दिये गये, उससे जनपद अल्मोड़ा के समस्त शिक्षकों, कार्मिकों में रोष व्याप्त है।
जनपद अल्मोड़ा के समस्त संगठनों द्वारा मांग की जा रही है कि भविष्य में सम्बन्धित विधायक या अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्मिकों के खिलाफ बिना साक्ष्य के कोई टिप्पणी की जाती है, तो किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस प्रकार के बयानों से ईमानदारी से काम कर रहे कार्मिकों के मनोवल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है एवं ये अपमानित महसूस कर रहे हैं। बिना साक्ष्य के सार्वजनिक मंच से कर्मचारियों के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी करना उचित नहीं है। संविधान के अनुसार भारत में सभी को सम्मान सहित जीने का अधिकार है। किसी भी नागरिक को सरे आम बेइज्जत करना कानून के खिलाफ है। भविष्य में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर गैर मर्यादित बयान जारी करने वाले जनप्रतिनिधियों को कर्मचारियों के साथ सही व्यवहार किये जाने हेतु विशेष प्रशिक्षण दिया जाय तथा ऐसे जनप्रतिनिधियों को भी निर्देश जारी किये जाये कि व्यवहार व बयानबाजी नियमावली के अनुरूप हो, इसके बाद भी जनप्रतिनिधियों द्वारा भविष्य में सार्वजनिक मंच से बिना साक्ष्यों के अनर्गल बयानबाजी की गयी तो ऐसी स्थिति में प्रदेशभर के कर्मचारी कार्यबहिष्कार करने को बाध्य हो जाएंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार एवं जनप्रतिनिधि की होगी।
राज्य कार्मिकों द्वारा उत्तराखण्ड राज्य बनाने के लिए 94 दिन की हड़ताल की थी। आज उसी राज्य में जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्मिकों को धमकाने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठनके प्रदेश उपाध्यक्ष व फैडरेशन कुमाऊं मंडल के अध्यक्ष श्री धीरेन्द्र कुमार पाठक व अध्यक्ष फैडरेशन अल्मोडा श्री पुष्कर सिंह भैसोड़ा द्वारा भी कहा गया कि कार्मिकों का सार्वजनिक मंच से किया जा रहा अपमान बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सभी वक्ताओं द्वारा सल्ट विधायक के बयान की निन्दा की गई ।
सभा को शिक्षक समन्वय समिति के अध्यक्ष डॉ मनोज जोशी, जिला मंत्री भूपाल चिलवाल, पूरन सिंह रौतेला, संजय बिष्ट युगल मठपाल महेंद्र गुसाई, सेवानिवृत्त मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पी एस बोरा, प्रवेश जोशी राजस्व संघ के रमेश सिंह बजेली, मनोज फरतयाल, सुरेन्द्र मर्तोलिया, राजेश आर्या, पंचायत राज के अध्यक्ष श्री बिष्ट, अशासकीय शिक्षक संघ हीरा मेहरा अशोक रावत, महिपाल सिंह रावत, गणेश भट्ट अध्यक्ष अशासकीय संघ, वीरेन्द्र बिष्ट फैडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भट्ट मंत्री अमरनाथ रजवार, भावेश रौतेला, अनुराग पांडेय, राम सिंह गैंडा भगवान राम, तनुजा, जानकी बिष्ट, चंपा शर्मा, टीका सिंह खोलिया, गोविन्द मेहता, दीपक तिवारी कलैक्ट्रेट संघ के अध्यक्ष शशि पांडेय, जितेन्द्र सिंह, अर्जुन नेगी बोरा, महेश गुसाई, वाहन चालक संघ के पूरन चन्द्र जोशी, विनोद कर्नाटक द्वारा संबोधित किया गया।
शिक्षा समन्वय समिति के उपाध्यक्ष श्रीमती विद्या कर्नाटक व फैडरेशन की उपाध्यक्ष श्रीमती दीपशिखा मेलकन्या, हरीश लोहुमी द्वारा भी बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। सभा को अन्य सदस्यों व पदाधिकारियों द्वारा संबोधित किया गया। पुष्कर सिंह भैसोड़ा जिला अध्यक्ष अल्मोड़ा द्वारा सभीपदाधिकारियों का उपस्थिति पर आभार व्यक्त किया गया। अवसर पर टीका सिंह खोलिया फेडरेशन के महामंत्री अमरनाथ सिंह रजवार गोपाल सिंह मेहता हेमंत जोशी सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी उपस्थित थे।












