ज्योतिर्मठ, 04नवंबर।
ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी श्री माधवाश्रम जी महाराज की पावन स्मृति मे श्री मठस्थली मे आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एवं पाठात्मक महायज्ञ के तीसरे दिवस कथा प्रवचन करते हुए कथा ब्यास पंडित नीरज शास्त्री ने कहा कि पुरुषार्थ से सब कुछ हासिल किया जा सकता है लेकिन भागवत कथा व यज्ञ के आयोजन भगवत कृपा से ही संभव हो सकते है।
उन्होंने सुकदेव जी के बारह वर्षों तक माता के गर्भ मे रहने, जन्म के बाद वनों की ओर चले जाने व उन्हें किस प्रकार भागवत का ज्ञान हुआ इन कथाओं का वर्णन किया।
कथा ब्यास ने भगवान के 24अवतारों का भी विस्तार से वर्णन करते हुए श्रोताओं की जिज्ञासा को शांत किया।
कथा के तीसरे दिवस श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य हरीश डिमरी ने ब्यास पीठ पर कथा ब्यास पंडित नीरज शास्त्री का सम्मान किया।
सप्त दिवसीय इस कथा ज्ञान यज्ञ समागम मे 11 वैदिक ब्राह्मण श्रीमद भागवत का पारायण कर रहे हैं।
शंकराचार्य श्री मठस्थली के प्रबंधक बशिष्ठ ब्रह्मचारी ने ज्योतिर्मठ बद्रीकाश्रम क्षेत्र की भगवत प्रेमी भक्त जनों की प्रतिदिन उपस्थिति पर आभार ब्यक्त करते हुए सहयोग बनाए रखने की अपेक्षा की।












