एक साल पहले देहरादून के सभावाला में इंजीनियरिंग कॉलेज के पास 10 साल की बच्ची से दुष्कर्म कर हत्या करने वाला मामला आपको याद ही होगा। आरोपी जयप्रकाश ने दुष्कर्म के बाद मासूम की बेरहमी से हत्या कर दी और शव को मिट्टी व ईंट के टुकड़ों के नीचे छुपा दिया था। पुलिस ने तत्काल आरोपी जयप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया था।
करीब 13 माह के बाद अब मासूम को न्याय मिला है, बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के दोषी को विशेष पोक्सो जज रमा पांडेय की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही न्यायालय ने ‘उत्तराखंड अपराध में पीड़िता सहायता योजना’ के तहत एक लाख रुपये मृतका के परिजनों को दिए जाने के आदेश जिलाधिकारी को दिए हैं।
जुलाई 2018 में सहसपुर थाने में जयप्रकाश निवासी ग्राम नेमका पुरवा मौजा बवा, थाना कुमारगंज, उत्तर प्रदेश के खिलाफ 10 साल की बच्ची से दुष्कर्म, उसकी हत्या करने और शव छुपाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।
अभियोजन की ओर शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी और पीड़ित परिवार की ओर से सौरभ दुसेजा ने मुकदमे में बहस की और 17 गवाह पेश किए थे। इस मुकदमे में वैज्ञानिक साक्ष्य भी सजा का महत्वपूर्ण आधार बने थे, जिसमें मृतका की मुठ्ठी में आरोपी के सिर के बाल, वैजाइनल स्वैब और 10 रुपये के नोट पर दोनों के फिंगर प्रिंट्स आदि। बुधवार को अदालत ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई।