रिपोर्टर-प्रियांशु सक्सेना
डोईवाला। संयुक्त ट्रेड यूनियन की 28 व 29 मार्च को होने वाली हड़ताल का किया अखिल भारतीय किसान सभा ने समर्थन। किसानों द्वारा सोमवार को शुगर मिल सभागार में बैठक का आयोजन किया गया।
जिसके बाद अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश महासचिव गंगाधर नौटियाल के नेतृत्व में किसानों द्वारा तहसील में जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया और एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
किसानों एवं सीटू की ब्लॉक कमेटियों की कुल 24 मांगे हैं जिसमें मुख्य मांग है कि कृषि कानूनों के निरस्त होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के 6 सूत्रीय मांग पत्र को स्वीकार किया जाए। तथा बैंक, बीमा एवं रक्षा पोस्टल सहित अन्य सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण रद्द किया जाए।
गन्ना किसानों को कानून के अनुसार 14 दिन के अंदर भुगतान करने व कानून की अवहेलना करने वाली मिल प्रशासन के विरुद्ध कार्यवाही करना सुनिश्चित करें और बकाया ब्याज सहित शीघ्र भुगतान करें। आंगनवाड़ी आशा भोजन माताओं और अन्य योजना कर्मियों के लिए वैधानिक न्यूनतम वेतन ₹24000 रुपए प्रतिमाह दी जाए और उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित करें।
नौजवान सभा के पूर्व जिलाअध्यक्ष जाहिद अंजुम ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा अखिल भारतीय किसान सभा संयुक्त ट्रेड यूनियन का राष्ट्रीय स्तर से समर्थन करते हैं। संयुक्त ट्रेड यूनियन के समर्थन में किसान देश भर में एकजुट होकर राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ धरनाए प्रदर्शन व रेलिया कर रहे हैं।
अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश महासचिव गंगाधर नौटियाल ने कहा कि सरकार द्वारा सभी चीजों निजीकरण किया जा रहा है जो कि उनकी सबसे बड़ी भूल है। एसडीएम महोदय के माध्यम से प्रधानमंत्री जी को जो ज्ञापन दिया है उसमें हमारी मुख्य मांग रही है कि देश का निजीकरण बंद हो।
इस दौरान उमेद बोरा, कृष्ण, अश्वनी त्यागी, गुरदीप सिंह, कमल अरोड़ा, मोहम्मद यामीन, पूरन सिंह, मेहताब अली, शमशाद अली, विमला देवी, शीला बहुगुणा व अन्य लोग उपस्थित थे