देहरादून। राजधानी में सभी विभागों को एक छत के नीचे लाने के लिए सरकार की बहुत ही महत्वपूर्ण परीयोजना ग्रीन बिल्डिंग कार्यदाई संस्था और ठेकेदारों की नाकामी की भेंट चढ़ रही है जिस काम को 30 अक्टूबर तक पूरा हो जाना चाहिए था। उसका काम महज 30% तक ही पहुंच सका है। ऐसे में सरकार को भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि पहले भी ग्रीन बिल्डिंग लापरवाहियों और बिना अनुमति के नाम पर कई काम करते हुए चर्चा में रही है शनिवार को इनका एक और काला कारनामा सामने आया कार्यदाई संस्था और ठेकेदार ग्रीन बिल्डिंग में मिट्टी की खुदाई पोकलेन मशीन से कर उसका उपयोग बिना अनुमति लिए कर रहे थे। सूचना मिलने पर खनन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और काले कारनामों को पकड़ लिया। जिला खान अधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि ग्रीन बिल्डिंग परिसर में निर्माण कार्य के तहत पोकलेन मशीन मिट्टी का खुदाई कर रही थी और खोदी गई मिट्टी का वहीं पर उपयोग किया जा रहा था। जिसकी अनुमति नहीं थी, बिना अनुमति के इस काम को करने पर विभाग की ओर से ₹5 लाख का जुर्माना लगाया गया है। एक पोकलैंड मशीन को सीज किया गया है। खनन विभाग की ओर से लगाए गए जुर्माने के बाद ग्रीन बिल्डिंग अनियमितताओं और बिना अनुमति के काम को लेकर एक बार फिर से चर्चाओं में आ गई है 800 वाहनों की पार्किंग वाली ग्रीन बिल्डिंग व्यवस्थाओं और कार्यदाई संस्था के काले कारनामों की भेंट चढ़ रही हैं। जिसका खामियाजा पूरी तरह से सरकार को आलोचनाओं के रूप में भुगतना पड़ रहा है।












