देहरादून। आजकल एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री बस को हरी झंडी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, उनके हाथ से उनकी ही पार्टी के दूसरे नेता झंडी छीन लेते हैं और मुख्यमंत्री इनकी तरफ पीठ कर वहां से निकल जाते हैं।
वाकया विद्युत चालित बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने का है। हमेशा होता रहा है कि यदि मुख्यमंत्री हरी झंडी दिखा रहे हों तो दूसरे नेता उनके हाथ को छूकर अपनी उपस्थिति दर्ज कर लेते हैं। लेकिन यहां भाजपा नेताओं की सबकुछ छीन लेने की मानसिकता का दिखाई देता है। मुख्यमंत्री जैसे ही हरी झंडी दिखाने की कोशिश करते हैं, बगल में खड़े मेयर उनसे झंडी छीन लेते हैं, मेयर अभी उसे हिला पाते उनके बगल में खड़े कैंट विधायक उनसे झंडी झपट लेते हैं। इससे खिन्न मुख्यमंत्री उधर पीठकर आगे निकल जाते हैं। तब झंडी छीनने वालों को आभास होता है कि बात बिगड़ गई है, वे वापस मुख्यमंत्री की तरफ झंडी बढ़ाते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री उनकी तरफ पीठकर आगे निकल चुके होते हैं।
एक सीधे-साधे मुख्यमंत्री पर किस तरह घाग नेता हावी हो जाते हैं, उसका यह एक उदाहरण है। संभवतः अपने करीब चार साल के कार्यकाल में इसीलिए त्रिवेंद्र सिंह रावत ज्यादा कड़े हो गए थे। उनकी इसी कड़ाई की भड़ास उनके मंत्रीमंडल में शामिल कई नेता अब निकाल रहे हैं। हरक सिंह रावत तो खुल्लमखुल्ला त्रिवेंद्र को गरिया रहे हैं। दूसरे कई दबी जुबान में इसका इजहार कर रहे हैं।