देहरादून (गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान, संघर्ष स्थल (हिन्दी भवन के समक्ष) 23 नवम्बर 2018| पूर्णकालिक राजधानी गैरसैंण बनाने को लेकर संघर्ष स्थल (परेड ग्राउंड) पर चल रहा धरना कार्यक्रम आज 68वें दिवस में प्रवेश कर गया| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के तत्वावधान में चल रहे धरना कार्यक्रम में आज गुरू पर्व के मौके पर भी बड़ी संख्या में लोग आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे| गैरसैंण अभियानकर्मियों ने आज धरना स्थल पर चर्चा कर इस बात की कड़ी आलोचना की कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट गैरसैंण के खिलाफ बयान लगा रहे हैं| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान को पहाड़ विरोधी, जन विरोधी और उत्तराखंड राज्य अवधारणा विरोधी बयान करार देते हुए उनसे अपने बयान को वापस लेने व प्रदेश निर्माण के आंदोलनकारियों और संघर्षशील जनता से माफी मांगने को कहा है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि भाजपा अध्यक्ष सन् 2015 विधानसभा चुनाव से पूर्व के अपने उन बयानों को देखें जिसमें वह गैरसैंण के पक्ष में बोलते रहे थे और स्पष्टीकरण दें कि क्या प्रदेश की जनता को बेवकूफ बनाया जाता रहा है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान पूछती है कि क्या भाजपा की सरकार द्वारा पिछले बरस गैरसैंण में शीतकालीन सत्र व राज्यपाल का अभिभाषण का कराया जाना जनता के साथ बड़ा धोखा था| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने यह प्रश्न भी किया है कि यदि राज्य निर्माण के 18 वर्ष उपरांत भी गैरसैंण में अवस्थापना विकास नहीं हुआ है तो इसका दोषी कौन है, यह स्वयं अजय भट्ट ही बताएं| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान यह भी पूछना चाहेगी कि क्या इस प्रकार की सोच को लेकर सीमांत हिमालयी राज्य और राष्ट्र की सुरक्षा की जाएगी| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान उनके द्वारा दिए गए गैरसैंण विरोधी बयान की कडी निन्दा करती है और चेतावनी देती है कि यदि वह इस प्रकार के मुलायमसिंह वादी बयान देंगे तो फिर उत्तराखंड की जनता जो प्रेम भाजपा पर न्यौच्छावर करती आई है उसपर जनता को पुनर्विचार करना प्रारम्भ करना होगा|
गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने गुरू पर्व के पावन अवसर पर प्रदेश की जनता को शुभकामनाएं देते हुए, प्रार्थना की है कि ईश्वर गैरसैण विरोध की मानसिकता रखने वालों को सद्बुद्दि प्रदान करें| आज 68वें दिन के धरना में उपस्थिति देने वालों में रामपुर तिराहा गोलीकाण्ड के घायल राज्य आंदोलनकारी मनोज ध्यानी, पंडित लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल (मु0 सं0), उपेन्द्र सिंह चौहान, श्रीमती सुमन डोभाल काला, राष्ट्रीय कवि राधाकृष्ण पंत ‘प्रयासी’, सुभाष रतूडी, हर्ष मैंदोली, पवनेश मैंदोली, भुवन जोशी, नागेन्द्र कण्डारी, रंजीत चंद्र, राहुल, एस. एन. बौडाई आदि सम्मिलित रहे|