गैरसैंण। चार मार्च को सरकार द्वारा गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बावजूद भी गैरसैंण स्थायी राजधानी संघर्ष समिति का क्रमिक धरना प्रदर्शन जारी है।
धरने में बैठे आंदोलनकारियों का कहना है कि उनका मुदा कभी ग्रीष्मकालीन राजधानी का रहा ही नहीं। उनकी मांग स्थायी पूर्ण राजधानी की है, जब तक यह मांग पूरी नहीं हो जाती उनका धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि 2018 में भराड़ीसैंण में आहूत सत्र के दौरान स्थायी राजधानी की मांग को लेकर जिस प्रकार जबरन 38 आंदोलनकारियों पर संगीन मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया, वह गैरसैंण राजधानी के पक्षधरों और आंदोलनकारियों की भावनाओं के खिलाफ है।
उन्होंने आंदोलनकारियों पर जड़े मुकदमें को वापस करने की मांग की है। इस दौरान धरने में काशी देवी, कृष्णा नेगी, सरोज शाह, कमला पंवार, पूरन सिंह नेगी, राम प्रसाद उप्रेती, नंदन नेगी, नारायण सिंह बिष्ट, बलवंत सिंह आदि मौजूद रहे।