प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ/पांडुकेश्वर।
जोशीमठ से प्रस्थान के बाद बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी श्री रावल, शंकराचार्य की पवित्र गद्दी व गाड़ू घड़ी का पांडुकेश्वर व बीआरओ की टास्क फोर्स मुख्यालय मारवाड़ी मे भब्य स्वागत हुआ।
टास्क फोर्स मुख्यालय के प्रांगण से श्री रावल को बीआरओ के अधिकारियों व जवानों द्वारा डोली मे बैठाकर कार्यक्रम स्थल तक ले गए।यहाँ मुख्य पुजारी श्री रावल ने बीआरओ कार्मिकों व उनके परिवारजनों को आशीर्बचन दिए।
इस मौके पर बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल बताया कि वर्ष 1967 में भारी बर्फबारी व मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध होने के कारण श्री रावल जी को कपाट खुलने की निश्चित तिथि तक बद्रीनाथ पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं था, तब बीआरओ ने ही श्री रावल जी को तय समय से पूर्व बद्रीनाथ पहुँचाया, तभी से यह परंपरा बदस्तूर जारी है।
उन्होंने बताया कि अब सड़को के बेहतर निर्माण के बाद भी बीआरओ द्वारा ही मुख्य पुजारी श्री रावल को ऋषिकेश से बद्रीनाथ एवं कपाट बंद होने के बाद वापस ऋषिकेश तक पहुँचाया जाता है।
टास्क फोर्स मुख्यालय मारवाड़ी मे कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बीआरओ की ओर से श्री रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी का जोरदार स्वागत किया।
पांडुकेश्वर पहुंचने पर मुख्य सड़क से ही श्री रावल व शंकराचार्य गद्दी को बाजे गाजे व पुष्प वर्षा के साथ योग बद्री मंदिर प्रांगण तक ले जाया गया।श्री रावल एवं शंकराचार्य की गद्दी के पहुंचते ही गढ़वाल स्काउट्स की मधुर बैंड धुन व सरस्वती शिशु मंदिर के घोष के बीच पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया था।
यहाँ बद्री केदार मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, महिला मंगल दल अध्यक्ष मनोरमा मेहता, ग्राम प्रधान बबिता पंवार, सरला भण्डारी, दिगम्बर सिंह पंवार, भागवत पंवार, राकेश मेहता, किसन मेहता, अनूप भण्डारी, जसबीर मेहता, सरपंच सरिता रावत आदि ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
इस अवसर पर धर्माधिकारी भुवन चन्द्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट, देवपुजाई समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूरी, मंदिर अधिकारी राजेन्द्र सिंह चौहान, पुजारी राजेन्द्र प्रसाद डिमरी, दंडी स्वामी रामानंद सरस्वती, सेनि प्राचार्य राम दयाल मैदुली, दफेदार कृपाल सनवाल सहित अनेक लोग मौजूद रहे।