आशा/एएनएम के लिए आयुर्वेदिक प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ समापन
गैरसैंण। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत आयुर्वेद एवं योग के माध्यम से जनपद चमोली की आशा और ए एन एम केा प्रशिक्षण प्रदान कर आम लोगों को स्वस्थ एवं निरोग रहने के लिए आयुर्वेदिक जीवन शैली अपनाने तथा योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जनपद चमोली के आशा एवं ए एन एम के नोडल अधिकारी तथा मास्टर ट्रेनर डा0 एस के रतूडी और महिल आयुर्वेदिक चिकित्सक डा0 अन्जू सिंह ने बताया कि गैरसैण ब्लाक में कुल 20 एएन एम तथा 91 आशाये कार्यरत हैं तीस नवम्बर से 5 दिसम्बर तक छबीस छबीस के ग्रुप में तीन बैचो में प्रशिक्षण दिया गया है;
प्रशिक्षण में आयुर्वेद तथा योग विशेषज्ञों के द्वारा आयुर्वेद का पारम्परिक ज्ञान तथा जडी बूटियों द्वारा सामान्य बीमारियों के उपचार की जानकारी तथा आयुर्वेदिक जीवन शैली जिसमें आहार विहार, दिनचर्या, ऋतुचर्या, सदवृन्त आदि की जानकारी तथा योग प्रशिक्षक द्वारा अनुलोम विलोम, योगासन , और घ्यान का अभ्यास भी कराया गया है।
वर्तमान की स्वास्थ्य चुनौतियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा, अवसाद शूरू होने से पहले ही रोके जाने के टिप्स भी बताये गये। प्रशिक्षण का मुख्य उदेश्य गा्रमीण जनता को अंग्रेजी दवाइयो के अत्यधिक उपयोग से होने वाले नुकसान की जानकारी देना तथा स्वस्थ एवं निरोग रहीने के लिए आयुर्वेदिक जीवनशैली अपनाने और योग को दिनचर्या में जोडने पर जोर दिया गया है।
डा0 रतूडी ने बताया कि बीमारियो की रोकथाम और उपचार में आयुर्वेद तथा योग की अहमियत अब पूरी दुनिया स्वीकार कर चुकी है।वर्तमान में देश को कई स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड रहा है जिसका समाधान आयुर्वेद के पास ही है उदाहरण के लिए नांन कम्युनिकेबिल डिजीज , मातृ और शिशु कल्याण, जीवन शैली सम्बन्धी रोगों की रोकथाम में आयुर्वेद निर्णायक भूमिका निभा रहा है। समापन के अवसर पर सामु0 स्वास्थ्य केन्द्र के ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर मनोज खंडूडी ने भी प्रतिभाग किया।
प््राशिक्षण में ममता ढौढियाल, विमला आर्य, इन्द्रा नेगी , कमला नेगी, लक्ष्मी बिष्ट, शान्ती बेलवाल, संगीता, उर्मिला, आदि तमाम ए एनएम और हीरा , जयन्ती, आदि तमाम गांवों मरोडा, सारकोट, सिराणा पंचाली, मठकोट, पज्याणा, सलियाणा, धण्डियाल, मैखोली , मूसों आदि की आशाओं ने प्रशिक्षण में भाग लिया।