कमल बिष्ट।
गढ़वाल। उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री 17 अक्टूबर प्रातः तक बड़ी संख्या में ऋषिकेश व हरिद्वार पहुंचे। प्रशासन द्वारा उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है। इसी क्रम में कई तीर्थयात्री हरिद्वार रेलवे स्टेशन एवं ऋषिकेश बस अड्डे पर रूके हुए हैं। हालांकि प्रशासन की घोषणा के पश्चात 17 अक्टूबर सुबह से ही ऋषिकेश बस अड्डे में चार धाम से संबंधित वाहनों का संचालन बंद कर दिया गया। ऋषिकेश लक्ष्मण झूला सड़क मार्ग को वन वे कर दिया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों से अपील की है कि मौसम की स्थिति को देखते हुए दो दिन सामान्य स्थिति होने तक चारधाम यात्रा को टाल दें। चंद्रभागा पुल, तपोवन, लक्ष्मण झूला, मुनिकीरेती, भद्रकाली बैरियर से पुलिस ने यात्री वाहनों का प्रवेश बंद किया हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री केदारनाथ धाम में कल रात से बारिश है लेकिन मंदाकिनी का जल स्तर अभी सामान्य है। सुरक्षा दीवार के निकट नदी का प्रवाह सामान्य है। मंदिर में सुबह से कुछ तीर्थयात्रियों द्वारा दर्शन कर नित्य की तरह पूजा.अर्चना कर रूके यात्रियों ने दर्शन किए। सहायक सूचना निदेशक/जिला सूचना अधिकारी के मुताबिक सभी जनपदों की तहसीलों में वर्षा हो रही है तथा एनएच 58 सिरोबगड़ में बाधित है। धारी देवी के पास पत्थर गिर रहे हैं। श्री केदारनाथ के निकट ऊंची चोटियों पर बर्फवारी हो रही है। श्री बदरीनाथ धाम में कल रात से लगातार हल्की बारिश है। सभी निकटवर्ती पहाड़ियों पर बर्फवारी हो रही है। श्री गंगोत्री यमुनोत्री धाम में हल्की बारिश है। यात्रा मार्ग सुचारू हैं। जहां कल 17 अक्टूबर से ही जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा चारों धामों में मौसम की स्थिति एवं तीन दिन के एलर्ट को देखते हुए हरिद्वार, ऋषिकेश सहित श्रीनगर, टिहरी, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, उखीमठ, कर्णप्रयाग, चमोली, जोशीमठ, पांडुकेश्वर आदि स्थानों में तीर्थयात्री फिलहाल जहां तक पहुंचे हैं। कल तक उन्हीं स्थानों में सुरक्षित रूकने को कहा जा रहा है।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि चारों धाम श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री धाम में नित्य प्रतिदिन होने वाली पूजाएं संपन्न हो रही हैं। हालांकि बारिश एवं बर्फवारी से धामों में मौसम सर्द हो गया है। जो तीर्थयात्री धामों में रूके हुए हैं, वह सुरक्षित हैं, मंदिर में दर्शन हेतु भी पहुंच रहे हैं। हालांकि मौसम सामान्य होने के बाद ही वह अपने गंतव्य को प्रस्थान करेंगे।