फोटो– वाईपास के विरोध मे क्रमिक धरना दसवें दिवस भी जारी ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। जोशीमठ को बदरीनाथ यात्रा मार्ग से हमेशा-हमेशा के लिए कट आफॅ करने के विरोध में सीमांतवासियों का आंदोलन लगातार जारी है। दसवे दिन भी धरना/प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच बीकेटीसी के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने संडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री एवं थलसेनाध्यक्ष को पत्र भेजकर अपना पक्ष रखा है।
हेलंग से मारवाडी तक एक वाईपास का निर्माण कर सीमांत धार्मिक एंव पर्यटन नगरी जोशीमठ के अस्तित्व को हमेशा के लिए समाप्त किए जाने की साजिश के खिलाफ सीमांतवासी आंदोलनरत है। बीते 21जनवरी से शुरू हुए धरना-पदर्शन मे बडी संख्या मे लोग सिरकत कर रहे है। कडाके की ठंड व हिमपात भी अस्तित्व को बचाने की लडाई लडने वाले सीमांत नागरिको के हौसलो को ठिगा नही पाई। आंदोलनकारी प्रतिदिन मुख्य चैराहे से जुलूस की शक्ल मे नारेबाजी करते हुए तहसील मुख्यालय पंहुचकर नित्य प्रतिदिन धरना दे रहे है। धरने के दसवें दिवस नगर कांग्रेस अध्यक्ष रोहित परमार, कांग्रेस नेता कमल रतूडी,, समाजसेवी सुभाष डिमरी, पूर्व पािलकाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, कांग्रेस नेता विक्रम भुज्वाण,, भाजपा नगर अध्यक्ष मुकेश डिमरी, दिनेश लाल साह, मुकेश लाल साह,पूर्व सभासद मुकेश कुमार व लक्ष्मण फरकिया, बदरी प्रसाद बगवाडी, दिनेश पंवार, ब्यापार संघ के तहसील अध्यक्ष श्रीराम डिमरी, पालिका सभासद गौरव नंबूरी, देवेश कुॅवर व सतीश भटट आदि मौजूद रहे।
इधर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने केन्द्रीय संडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री, थल सेनाध्यक्ष व महानिदेशक सीमा सडक संगठन को पत्र भेजकर भगवान बदरीविशाल के दर्शनो से पूर्व ज्योर्तिमठ-जोशीमठ स्थित भगवान नृंिसंह के दर्शनो की मान्य धार्मिक पंरपरा का अक्षुण बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि आद्य जगदगुरू शंकराचार्य द्वारा देश के चार भागो मे चार पीठो की स्थापना की थी जिसमे उत्तर का पीठ ज्योर्तिमठ है। यहाॅ आद्य जगदगुरू शंकराचार्य ने पाॅच वर्षो तक तपस्या की थी। और तब से ही करीब 2502वर्ष पूर्व से ही भगवान बदरीनारायण के दर्शनो से पूर्व ज्योर्तिमठ स्थित भगवान नृंिसंह के दर्शनो की धार्मिक पंरपरा रही है। जिसका स्कंद पुराण मे भी स्पष्ट वर्णन है।
श्री थपलियाल ने भेजे गए पत्रों मे यह भी कहा कि यदि 2502 वर्ष की पंरपरा के साथ छेड-छाड हुई तो इससे देश भर के सनातन धर्मावलबियों की धार्मिक भावनाओ के साथ कुठाराघात तो होगा ही साथ ही वर्षो से यात्रा पर निर्भर सीमंांत नगरवासी भी पलायन के लिए विवश होगे। पत्र मे श्री थपलियाल ने आॅल वैदर रोड को जोशीमठ को छूते हुए ही निर्मित किया जाना चाहिए ताकि मान्य धार्मिक पंरपरा का जीवित रखा जा सके।