रिपोर्ट- हरेंद्र बिष्ट
थराली। जंगलों को दवानल से बचाने के लिए ग्रामीणों को सहभागी बनने एवं उनमें वन संरक्षक की चेतना को जागृत करने के लिए सीपी भट्ट पर्यावरण,विकास संस्थान गोपेश्वर एवं जागो हिमालयन लोक कल्याण समिति थराली के द्वारा पांच दिवसीय जनजारूकता पदयात्रा का थराली ब्लाक के सूना गांव से शुभारंभ किया गया।इस मौके पर वक्ताओं ने लोगों से जंगलों को आग से बचाने की अपील की।
रविवार को सूना गाँव से शुरू की गई वनाग्नि की रोकथाम जागरूक पदयात्रा को मध्य पिंडर रेंज थराली के रेंजर हरीश थपलियाल एवं सरपंच महिपाल सिंह रावत ने हरी झंडी दिखा कर रवाना की, इस मौके पर आयोजित एक गोष्ठी को संबोधित करते हुए थराली के रेंजर थपलियाल ने जगलों को आग से बचाने के लिए सभी को एक जुट होकर प्रयास करने होंगे। तभी जंगलों को दवानल से बचाया जा सकता हैं। उन्होंने ग्रामीणों से जंगलों में आग लगने स्थिति में उसे नियंत्रित करने एवं इसकी सूचना तत्काल वन विभाग एवं प्रशासन को देने की बात कहते हुए कहा कि इससे लगी दवानल को समय पर नियंत्रित किया जा सकता हैं।सरपंच महिपाल सिंह रावत ने कहा कि दवानल के कारण जहां पेड़ पौधों को तों नुकसान होता ही है वही वन्य जीवों को भी भारी क्षति पहुंचती हैं। उन्होंने जंगलों को दवानल से बचाने के लिए एक जुटता की अपील की। इस अवसर पर सीपी भट्ट पर्यावरण विकास संस्थान के न्यासी ओम प्रकाश भट्ट ने यात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि लोगो को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए आम ग्रामीण को सहभागी बनने के लिए प्रेरित करना है।इस मौके पर प्रसिद्ध समाजसेवी मंगला कोठियाल ने कहा कि जंगलों में ग्रीष्म काल में लगने वाली आग का दुष्प्रभाव तेजी के साथ ग्लेशियरों पर भी पड़ रहा हैं और ग्लेशियर लगातार सिकुड़ रहें हैं जोकि आने वाले समय के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा।
उन्होंने कहा कि अकेले जंगलों को दवानल से बचाने के लिए वन विभाग कुछ नही कर सकता हैं। इसके लिए स्थानी जनता को सहभागी बनना होगा,तभी जंगल दवानल से सुरक्षित रह सकते हैं। इस अवसर पर जागो हिमालयन हिमालय लोक कल्याण समिति के रमेश थपलियाल ने कहा कि विगत वर्षों में भी इस तरह की पदयात्रा निकाली गई थी और लोग काफी जागरूक भी हुएं थें।इस अवसर पर शिक्षक सतेन्द्र सिंह भंडारी, सरपंच संघ थराली के ब्लाक अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत, प्रधान कैलाश चंद देवराडी,देबकी देवराड़ी सरपंच विमला देवी, लीला देवी,दर्शन सिंह भंडारी, पर्यावरणविद बचन सिंह,घनानंद, खीमानन्द देवराड़ी, मनोज देवराड़ी, अनिल देवराड़ी, अंकुर देवराड़ी, योगेश देवराड़ी, वन विभाग से लक्ष्मी जोशी, गजेंद्र प्रसाद आदि ने विचार व्यक्त किए।