रिपोर्ट- सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग- जनपद रुद्रप्रयाग भ्रमण पर पहुंचे प्रदेश के पशुपालन,दुग्ध विकास एवं सेवायोजन मंत्री एंव जनपद प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने जिला कार्यालय कक्ष में श्री केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन हेतु की जाने वाली तैयारियों एवं जनपद में गोट वैली प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन हेतु संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह,विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी,जिलाधिकारी मयूर दीक्षित,पुलिस अधीक्षक डाॅ.विशाखा अशोक भदाणे सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक की समीक्षा के दौरान प्रभारी मंत्री द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन हेतु जिस स्तर से जो भी व्यवस्थाएं एवं तैयारियां की जानी हैं वह व्यवस्थाएं माह मार्च तक पूर्ण कर ली जाएं।उन्होंने केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया मार्च माह के पहले सप्ताह से शुरू करने के निर्देश दिए।साथ ही यह भी कहा कि यात्रा मार्ग में किसी भी दशा में बीमार एवं कमजोर घोड़े-खच्चरों का किसी भी दशा में संचालन न किया जाए।उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा किसी भी प्रकार से घोड़े-खच्चरों के साथ पशु क्रूरता की जाती है तो ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियत के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाए। उन्होंने यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों के लिए गरम पानी की व्यवस्था के लिए निर्माणाधीन चरियों का सभी कार्य पूर्ण कर लिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने चरियों की साफ-सफाई व्यवस्था के भी निर्देश दिए गए। इसके साथ ही यात्रा मार्ग में बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने के लिए सुलभ इंटरनेशल को निर्देशित किया गया।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि आगामी श्री केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चरों को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी।साथ ही चिकित्सकों की कमी को पूरा किया गया है।श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग में 5 चिकित्सकों की तैनाती कर दी गई है। इसके साथ ही 2 अन्य चिकित्सकों को तैनात करने का प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान तैनात चिकित्सकों को रहने हेतु चिकित्सालयों में उचित व्यवस्था कराई जा रही है। श्री केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन हेतु जन प्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों के सुझावों की भी प्रत्येक महीने में समीक्षा कर उन पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
वहीं पशुपालन मंत्री ने गोट वैली प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए सचिव पशुपालन वीवीआरसी पुरुषोत्तम से भी आनलाइन माध्यम से जानकारी प्राप्त की।उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सरकार की यह महत्वकांक्षी योजना है,जिससे कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन की रोकथाम के लिए इस योजना के लिए पांच जिले चयनित किए गए हैं जिसमें प्रथम बागेश्वर एवं रुद्रप्रयाग से योजना को शुरू किया गया है।उन्होंने सभी को निर्देश दिए हैं कि इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी अधिकारी धरातल पर कार्य करते हुए जिन गरीब व्यक्तियों के पास बकरियां उपलब्ध नहीं हैं उनको भी इस योजना में शामिल करने के निर्देश दिए।इसके लिए योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए उच्च अधिकारियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में गोष्ठियों का आयोजन करते हुए संबंधित क्षेत्र के विधायक एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को भी आमंत्रित करते हुए योजनाओं का व्यापक ढंग से प्रचारित-प्रसारित किया जाए,ताकि अधिक से अधिक लोगों इस योजना से लाभान्वित करते हुए पहाड़ से हो रहे पलायन पर रोक लगाई जा सके।
जिला योजना की समीक्षा करते हुए प्रभारी मन्त्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिला योजना के तहत जो भी योजनाएं संचालित की जा रही हैं उन योजनाओं को गुणवत्ता के साथ शीर्ष प्राथमिकता से पूर्ण करना सुनिश्चित करें।उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि जिला योजना के पुरानी देनदारी को शीर्ष प्राथमिकता से भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं में किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही न बरती जाए तथा सभी अधिकारी आपसी समन्वय के साथ विकास योजनाओं का लाभ अंतिम छोर के व्यक्ति तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
आगमन पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने प्रभारी मंत्री का स्वागत कर आभार व्यक्त किया तथा मंत्री को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा बैठक में जो भी निर्देश एवं सुझाव दिए गए हैं उनका यथासंभव संबंधित अधिकारियों द्वारा अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार,जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर,अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी केदारनाथ योगेंद्र सिंह,उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा,पुलिस उपाधीक्षक हर्षवर्धनी सुमन,मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ.आशीष रावत,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.एचसीएस मार्तोलिया, अधिशासी अभियंता जल संस्थान संजय सिंह,डीडीएमए प्रवीण कर्णवाल,जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार,पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल, परियोजना अधिकारी उरेडा राहुल पंत सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।