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1-ड्रैगन की हरकत के बाद बाड़ाहोती बार्डर की तरफ सुरक्षा बलों का मूवेंट बढ़ा
2-नीती दर्रे पर देश का अंतिम गाॅव नीती
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। नीती दर्रो के बाडाहोती में कई बार घुसपैठ की हिमाकत कर चुका है चीन, लेकिन हर बार मुॅह की खानी पडी। नियमित गश्त पर जाने वाली राजस्व टीम के साथ ही चरवाहों से भी कई बार झडप कर चुके हैं चीनी सैनिक।
उत्तराख्ंाड के नीती-माणा दर्रों में भी सडक निर्माण के बाद चीन की बौखलाहट में इजाफा हुआ है। नीती-माणा व बडाहोती सीमाओं तक सडक निर्माण के बाद से ही चीन इन क्षेत्रों में कई मर्तबा घुसपैठ कर चुका है। देश की सबसे ऊॅचाई पर निर्मित सडक ’’माना पास’’ के निर्माण के बाद से चालबाज चीन इस बार्डर पर भी घुसपैठ की फिराक में रहा है। लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण वह डोकलाम व गलवान जैसी हरकर नहीं कर सका है।
उत्तराखंड में चमोली जनपद की ओर से भारत सरकार द्वारा नीती व माणा दर्रों तक सडक पहंुचाने के बाद से जहाॅ सेना साजो-सामानों के साथ सीमाओं तक पंहुचने में सहूलियत हुई है। वही चालबाज ड्रैगन द्वारा भी अपनी विस्तारवादी नीति को बढाने के लिए कई बार घुसपैठ कराई गईं। भारत द्वारा लदाख बार्डर की ओर सडक निर्माण को लेकर ही चीन अपना विरोध कर रहा है,और विरोध की आड में वह नियंत्रंण रेखा को लाॅघने का दुस्साहस कर भारतीय सेना पर हमला भी कर चुका है। इसी प्रकार नीती-माणा दर्रों तक भारत की ओर से सडक पंहुचने के बाद क्या चीन चुप होगा! कहा नहीं जा सकता। हाॅलाकि भारतीय सैन्य बल चालाक चीन की हर चाल को विफल करने मे सक्षम है और कई बार ऐसा कर भी चुकी है।
इस बार लदाख बार्डर पर चीन ने जो कुछ किया उस घटना के बाद चीन से लगी देश की सभी सीमाओं की सुरक्षा के तर्ज पर जनपद चमोली से चीन सीामाओं पर भी अतिरिक्त सुरक्षा के बदोबस्त किए गए हैं। माणा पास तथा रिमखिम तक सडक निर्माण के बाद से ’’बाडाहोती’’ क्षेत्र में चीन कई बार घुसपैठ कर चुका है। सुरक्षा बलों के साथ ही राजस्व टीम के साथ भी चीनी सैनिकों की झडपेें हुई है। बाडाहोती मंे ही चरवाहों के टैण्ट व राशन फैंकने का दुस्साहस भी वे कई बार कर चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें भारतीय सुरक्षा बलों के आगे मुुॅह की खानी पडी।
नीती माणा बार्डर तक कम समय में पहंुचने के उदेश्य से ही बीआरओ ने खारदुंगला के बाद सबसे ऊॅचाई पर माणा पास रोड का निर्माण कर कीर्तिमान हासिल किया है। खारदुंगला में 17582 फीट की ऊॅचाई पर सडक का निर्माण किया गया था, जबकि माणा पास की सडक 18192 फीट की ऊॅचाई पर तैयार की गई है। जिसका आने वाले वर्ष में संपूर्ण डामरीकरण कार्य भी पूरा कर लिया जाऐगा। इसी प्रकार नीती व बाडाहोती बार्डर को भी सडक संपर्क से जोड दिया गया है।
चीन से लगी देश की लगभग सभी सीमांओं के सडक संपर्क से जुडने के बाद चीन की बौखलाहट मे इजाफा हुआ है और वह भारत की सीमा पर आए दिन उकसाने की कार्यवाही को अंजाम दे रहा है। बाडाहोती मे भी वह कई बार घुसपैठ कर उकसाने का कुत्सित प्रयास कर चुका है। लेकिन हर बार भारतीय सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेडा ही है।
नीती घाटी के गमशाली गाॅव के मूल निवासी तथा उत्तर प्रदेश व उत्तराख्ंाड में कैबनेट मंत्री रहे केदार सिंह फोनिया कहते है कि वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध से पूर्व चीन ने वर्ष 1959 मे ही घुसपैठ कर उकसाने का कार्य शुरू कर दिया था जो वर्ष 1962 आते-आते युद्ध में परिवर्तित हुआ। इस बार वो कुछ ऐसा ही करता दिख रहा है, विगत वर्षो में विभिन्न सीमांओं से घुसपैठ उसकी उकसाने के साथ ही युद्ध जैसी स्थिति पैदा करने की हैं। लेकिन भारत अब 1962 का भारत नही रहा।