डोईवाला (प्रियांशु सक्सेना)। उत्तराखंड सरकार के उच्च शिक्षा निदेशालय के निर्देश पर 15 से 20 सितंबर तक राज्य के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्यों का छह दिवसीय शैक्षिक भ्रमण जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। प्राध्यापकों ने शैक्षणिक संपर्क, आदान-प्रदान और संवर्धन पर केंद्रित विविध गतिविधियों में भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी डॉ अरुण कुमार चतुर्वेदी द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन एवं ज्ञानवर्धन प्रशिक्षण योजना, 2025 उत्तराखंड सरकार और जेएनयू के यूजीसी-एमएमटीटीसी के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग के रूप में सामने आई है। यूजीसी-एमएमटीटीसी के निदेशक प्रो. रवि शेखर ने कहा कि युवाओं को ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाना ही राज्य की मजबूती का आधार है।
उन्होंने शोध पद्धतियों, तकनीकी प्रशिक्षण और शिक्षा में निष्ठा पर बल दिया। उत्तराखंड सरकार ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु अन्य राज्यों की तुलना में अधिक निवेश किया है, जिसे प्राध्यापकों को अपने कार्य से सार्थक बनाना होगा।
भ्रमण के दौरान प्रख्यात शिक्षाविद् प्रो यामिनी रॉय चौधरी, प्रो विवेक कुमार, प्रो शंकर शरण, प्रो हीरामन तिवारी और प्रो टी विजय कुमार के व्याख्यान आयोजित हुए। इन विशेषज्ञों ने शोध, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही मानविकी, सामाजिक विज्ञान, भाषा, संस्कृति, मीडिया संकाय एवं विश्वविद्यालय पुस्तकालय के भ्रमण का अवसर भी प्राध्यापकों को मिला।
प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों का भी दौरा किया। शैक्षणिक गतिविधियों के साथ यह भ्रमण प्राध्यापकों के लिए ज्ञानवर्धन और अनुभव साझा करने का अनूठा अवसर साबित हुआ। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के शैक्षणिक क्षेत्र में जिम्मेदार उपयोग पर विशेष बल दिया गया।
शहीद दुर्गा मल्ल पीजी कॉलेज डोईवाला के अंग्रेजी विभाग की असिस्टेंस प्रोफेसर डॉ पल्लवी मिश्रा ने इस अवसर के लिए सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रमुख संस्थानों की प्रतिभा का लाभ तभी होगा जब वे देश के युवाओं को शिक्षित करने में योगदान दें। उन्होंने सुझाव दिया कि समय-समय पर ऐसे संस्थानों के प्रोफेसरों को उत्तराखंड के दूरस्थ कॉलेजों का भ्रमण कराना चाहिए, जिससे राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता और भी बेहतर हो सके।