रिपोर्टर-प्रियांशु सक्सेना
डोईवाला। संयुक्त किसान मोर्चा की अनौपचारिक बैठक धर्मुचक स्थित अंबेडकर चौक के पास हुई। बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को आगे बढ़ाने को लेकर रणनीतिक चर्चा की।
गुरुनानक जयंती पर तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने पर देशभर के किसान खुश हैं, किसानों में उत्साह का माहौल है तो कुछ मामलों में नाराजगी भी है। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसान एक साल से भी अधिक समय से आंदोलनरत थे। इस दौरान करीब 800 से भी अधिक किसानों की मौत भी हो गई। हालांकि कृषि कानून वापसी से किसान खुश हैं, लेकिन किसानों की शहादत पर किसान प्रधानमंत्री से नाराज भी हैं। किसान अब आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के लिए शहीद का दर्जा मांग रहे हैं। आशंका में डूबे किसान यह भी कह रहे हैं कि जब तक संसद बिल को वापस नहीं लेती आंदोलन चलता रहेगा।
संयुक्त मोर्चा प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा के अनुसार किसान आंदोलन में उत्तराखंड के किसानों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। आंदोलन में डोईवाला क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों का खूब सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद सभी जगह किसानों की बैठक हो रही है, डोईवाला में भी इसी तरह बैठक हो रही है। बैठक से जो विचार आएंगे, उसे आगे बढ़ाया जाएगा।
किसानों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें किसानों पर मुकदमे हुए हैं, वापस लेने, शहीद किसानों को मुआवजा देने, लखीमपुर खीरी कांड दोषियों को मंत्रिमंडल से बाहर करने एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का मुद्दा उठाया गया। बैठक में मुख्य रूप से जगजीत सिंह बाजवा, सुरेंद्र खालसा, मोहित उनियाल, गुरदीप सिंह, आरिफ अली आदि मौजूद थे।