फोटो– औली मे हुए ताजे हिमपात का दृश्य।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। मौसम की बेरूखी से अब सीमांतवासी भी उबने लगे है। पहले बर्फबारी के लिए मनौतियाॅ मांगने वाले भी अब लगातार हो रही बर्फबारी से खासे परेशान होने लगे है। औली सहित पूरे सीमंात क्षेत्र मे रविबार को भी बर्फबारी शुरू हो गई है।
एक दिन मौसम साफ रहने के बाद रविबार सुबह से ही मौसम ने एक बार फिर करवट बदलना शुरू किया और दोपहर होते-होते औली-गौरसों बुग्याल सहित पूरे सीमांत क्षेत्र मेब र्फ की फुआरें गिरने लगी। औली अपर स्कीइंग स्लोप मे तेज बर्फीले तूफान के कारण स्कीइंग प्रशिक्षण कोर्स भी स्थगित करना पडा।
पूरे हिमालयी क्षेत्र मे बीती 21जनवरी से शुरू हुआ बर्फबारी का क्रम रूकने का नाम नही ले रहा है। बीच के एक-दो दिन छोड दे तो 21जनवरी से लगातार बर्फबारी हो रही है। जिससे पूरे सीमांत क्षेत्र का जनजीवन अस्त-ब्यस्त हो गया। औली सडक मार्ग को खोलने मे ताजा बर्फबारी एक बार फिर बाधक बनी है। नीती-माणा घाटियों सहित बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, फूलो की घाटी, उर्गम व चिनाप घाटी के साथ ही भविष्य बदरी धाम मे बर्फ से लकदक हैं। और लगतार बर्फबारी का सिलसिला जारी है।
विश्व विख्यात हिमक्रीडा केन्द्र औली मे चार से पाॅच फीट तक बर्फ जम चुकी है। और हिमपात का क्रम जारी है। औली मे रविबार को अपर स्कीइंग स्लोप पर तेज बर्फीला तूफान आने से जीएमवीएन को स्कीइंग प्रशिक्षण कोर्स स्थगित कर प्रशिक्षुओ को सुरक्षित जीएमवीएन कैंपस पंहुचाना पडा। जीएमवीएन के स्कीइंग प्रशिक्षक प्रदीप मंद्रवाल के अनुसार निगम द्वारा सात व चैदह दिवसीय स्कीइंग प्रशिक्षण का पहला कोर्स संचालित किया जा रहा है। जो 28जनवरी तक चलेगा। 29जनवरी से दूसरे कोर्स के लिए भी एडवाॅस बुकिंग हो चुकी है।
इस वर्ष प्रकृति हिमालय वासियों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान दिख रही हैं। गत वर्षो तक औली मे हिमपात हो इसके लिए पर्यटन ब्यवसाय से जुडे लोग मंदिरो मे जाकर मनौतियाॅ मांगते थे। लेकिन इस बार विना मनौती मांगे ही बर्फबारी थमने का नाम नही ले रही है। अब तो काश्तकारों को भी फलो के पडो को बचाने की चिंता सताने लगी हैं। यदि बर्फबारी का यह आलम रहा तो सेब व अन्य फलो के पेडो का बर्फ के वनज से टूटने का भी खतरा बना रहता है।
बहरहाल बर्फबारी के कारण पूरे सीमंात क्षेत्र मे सन्नाट पसरा है। लोग घरो मे दुबके है तो पर्यटको को भी औली व अन्य होटलो मे बर्फ मे पैदल चलकर पंहुचने के लिए विवश होना पड रहा है। बीती देर रात्रि तक भी पर्यटक औली से बर्फ मे फिसलते व गिरते हुए किसी तरह जोशीमठ पंहुच रहे थे। हाॅलाकि जोशीमठ प्रशासन ने औली सडक मार्ग को खुलवाने के लिए दो जेसीबी के साथ चूना व नमक का छिडकाव भी किया। लेकिन रविबार को पुना बर्फबारी होने से सडक से आवाजाही एक बार फिर ठप्प होने के आसार बने हुए है।