प्रकाश कपरुवांण।
जोशीमठ। हिमालय के पंचम केदारों में कल्पेश्वर धाम ही एक मात्र ऐसा शिव धाम है, जो वर्ष भर खुला रहता है। महाशिवरात्रि पर्व पर यहाँ देशभर से हजारों शिवभक्त पहुंचते हैं।
देवभूमि उत्तराखंड के पांचों केदारों मे एक भगवान कल्पेश्वर का का मंदिर पैनखंडा जोशीमठ के उर्गम घाटी में है, उर्गम घाटी ही एक ऐसा स्थान है जहाँ पंच बदरी में एक ध्यान बदरी व पंच केदारों में एक कल्पेश्वर भगवान विराजमान हैं। कल्पेश्वर धाम में भगवान शिव के जटा स्वरूप के दर्शन होते हैं।
यहाँ प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर भब्य मेले का आयोजन होता है। इस दिन देशभर के हजारों शिवभक्त तो पहुंचते ही हैं, निःसंतान दंपत्ति भी संतान की कामना लेकर रात्रि जागरण के लिए पहुंचते हैं।
कल्पेश्वर धाम के आचार्य विजय सेमवाल के अनुसार इस वर्ष एक मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व है, महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का यहाँ विशेष पूजन होता है। इस पवित्र धाम मे महाशिवरात्रि पर संतान प्राप्ति के लिए निःसंतान दंपत्ति तो पहुंचते ही हैं, मनोकामना लेकर भी वर्षभर असंख्य श्रद्धालु पहुंचते हैं।
हिमालय के पंच केदारों में भगवान केदारनाथ, मदमहेश्वर, रुद्रनाथ व तुंगनाथ के मंदिर शीतकाल में छः महीने बंद रहते हैं, वहीं पंचम केदार भगवान कल्पेश्वर धाम का मंदिर वर्षभर खुला रहता है। महाशिवरात्रि पर्व के लिए कल्पेश्वर धाम उर्गम पहुंचने के लिए श्रद्धालु वर्षभर प्रतीक्षा करते हैं। कल्पेश्वर धाम मंदिर समिति भी महाशिवरात्रि पर्व पर शिवभक्त श्रद्धालुओं की तैयारियों में जुटी है।












