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01-पंच केदारों में एक कल्पनाथ शिवालय में जलाभिषेक के लिए पंक्तिबद्ध श्रद्धालु।
02-बर्फानी बाबा टिम्मरसैंण महादेव का पूजन/अर्चन करते शिवभक्त ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। पंच केदारों मे एक कल्पनाथ व नीती घाटी के बर्फानी बाबा टिम्मरसैंण महादेव शिवालयों मंे लगा रहा भक्तों का ताॅता । श्रावण मास के पहले सोमवार को क्षेत्र के विभिन्न शिवालयों मे जलाभिषेक के लिए लगी लंबी कतारे।
उर्गम घाटी में स्थित पंच केदारों मे कए भगवान कल्पनाथ मंदिर के साथ नीती घाटी के टिम्मरसैंण महादेव के दर्शनों के लिए शिवभक्तों का ताॅता लगा रहा। हिमालय के पंच केदारों मे एक कल्पनाथ भगवान का ही ऐसा दिब्य मंदिर है जहाॅ भगवान शिव बारह मास पूजे जाते है। प्रतिवर्ष श्रावण मास मे तो यहाॅ दूर-दूर से शिवभक्त जलाभिषेक व दर्शन के लिए पंहुचते है। कोविड -19 के वावजूद स्थानीय शिवभक्त भी श्रावण मास के पहले सोमवार को यहाॅ बडी संख्या पंहुचे। यहाॅ प्रात चार बजे से देर सायं तक जलाभिषेक के लिए भक्तो की लंबी कतारे देखी गई।
इधर सीमावर्ती क्षेत्र नीती घाटी मे बाबा बर्फानी के नाम से प्रसिद्ध टिम्मर सैंण महादेव के दशनों के लिए भी श्रद्धालु श्रावण मास की संक्राति से ही बडी संख्या मंे पंहुच रहे है। श्रावण के पहले सोमवार को तो यहाॅ भी भक्तों का ताॅता लगा रहा है। जोशीमठ नगर के अलावा नीती घाटी के दर्जनों गाॅवों के साथ ही दूर-दराज क्षेत्रों से भी लोगों ने यहाॅ पंहुचकर बर्फानी बाबा के प्राकृतिक शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। हाॅलाकि इन दिनो गर्मी बढने से गुफा मे विराजमान भोलनाथ के शिवलिंग से बर्फ की परत हट चुकी है। लेकिन गुफा के नीचे स्थित इस शिवलिंग मे निंरतर प्राकृतिक जलधार बहती रहती है। यहाॅ तक जलाभिषेक व पूजन के लिए पंहुचे श्रद्धालुओं का भी पूजन एव परिक्रमा के दौरान ही गुफा की ऊपर से बह रही जलधारा से तन शुद्धिकरण होता रहता है। टिम्मर सैण महादेव का यह शिवलिंग अप्रैल के अंितम सप्ताह व मई के पहले सप्ताह तक भी बर्फ से ढका रहता है। इसीलिए टिम्मर सैंण महादेव को नीती घाटी के बर्फानी बाबा के रूप मे भी जाना जाता है।
दूसरी ओर सीमांत क्षेत्र जोशीमठ के जोतेश्वर महादेव-ज्योर्तिमठ, आशुतोष महादेव-नृसिंह मंदिर , रविश्वर महादेव-रविग्राम, नागेश्वर महादेव-नोग,भद्रेश्वर महादेव-बडागाॅव, रायगढी व भलागाॅव शिवालयों मे भी श्राावण के पहले सोमवार को भक्तो ने जलाभिषेक किया ।