अल्मोड़ा। भैसियाछाना बिकास खंड के कनारीछीना आयुष बिंग ब़ंद होने से ग्रामीणों की परेशानियां बड़ी।
एक साल से कनारीछीना आयुष बिंग बंद होने से रीठागाड क्षेत्र के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को आयुर्वेद उपचार के लिए कनारीछीना आयुष बिंग से अल्मोड़ा जाना पड़ता है। जो कनारीछीना से अल्मोड़ा की दूरी 50 से 60 किलोमीटर है। एक साल पहले कनारीछीना आयुष बिंग में फार्मसिष्ट नियुक्त था, लेकिन जिला आयुर्वेद अधिकारी के द्बारा कनारीछीना आयुष बिंग के फार्मासिस्ट को एक दो महीने के लिए दूसरी जगह एटैचमैट किया। एक साल के बाद भी न व फार्मसिष्ट कनारीछीना बिग में आया और न दूसरे फार्मसिष्ट या डाक्टर की नियुक्ति हुई।
दर्जनों गांवों की आयुर्वेदिक उपचार की समस्यायों को देखते हुए जनवरी 2021 मे जिला आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन भी दिया और की बार वार्तालाप भी की। रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति के सदस्यों ने ये कोरोना काल जैसी महामारी में भी कनारीछीना आयुष बिंग बंद होने पर आपत्ति जताते हुए जल्द से जल्द कनारीछीना आयुष बिंग में फार्मसिष्ट डाक्टर की नियुक्ति की मांग की।
कनरीछीना आयुष बिंग बंद होने से रीठागाड के दर्जनों गांव के ग्रामीणों को प्रभावित होना पड़ रहा है। कनारी छीना, लिगुडता, मंगलता, रौयत, खुडियारी, हटौला, नौगांव, कुनखेत, बखरियाछीना, पतलचौरा आदि गांव। रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह, सहचीव गोपाल राम, मनोज सिंह जडौत, नारायण दत्त भट्ट, उमेश भट्ट बालम सिंह बानी, कुन्दन सिंह जगत सिंह आदि लोगों ने जल्द से जल्द कनारीछीना आयुष बिंग में फार्मसिषट/डाक्टर की नियुक्ति की मांग की। अगर शासन.प्रशासन ने हमारी माग पर कोई समाधान नहीं किया तो रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति के सदस्यों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।












