केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को थोम्सो कार्यक्रम में शाम छह बजे पहुंचना था। वे निर्धारित समय पर दिल्ली से रुड़की पहुंचने के लिए कार से रवाना हो गई। उत्तराखंड बार्डर पर पहुंचने पर उन्हें उत्तराखंड पुलिस एस्कार्ट नहीं मिली।
ऐसे में उनकी गाड़ी अकेले ही आगे बढ़ती चली गई। कुछ दूरी पर पहुंचने पर वे रुड़की आईआईटी का रास्ता भटकने लगी। इस पर उन्होंने गूगल मैप पर आईआईटी रुड़की सर्च करके रास्ते की जानकारी ली। इसके बाद वे मैप के सहारे आगे बढ़ गई।
मगर काफी दूर चलने के बाद उन्हें रास्ता भटक जाने का एहसास हुआ। इसपर उन्होंने राहगीर से रुड़की का पता पूछा। राहगीर ने उन्हें बताया कि वे सहारनपुर के समीप पहुंच गई हैं। राहगीर ने ही उन्हें रुड़की का रास्ता बताया।
इसी बीच रास्ते में उन्हें उत्तराखंड पुलिस एस्कार्ट भी मिल गई। ऐसे में पुलिस एस्कार्ट ही उन्हें आईआईटी लेकर पहुंची। स्मृति ईरानी से स्वयं करीब डेढ़ घंटे लेट होने पर कार्यक्रम के दौरान अपने साथ घटी घटना की जानकारी दी। वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले में स्थानीय पुलिस और प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई
सवाल उठता है कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत ही केंद्रीय कपड़ा मंत्री दिल्ली से रवाना हुई। फिर उत्तराखंड पुलिस एस्कार्ट उन्हें बॉर्डर पर क्यों नहीं मिल सकी। मामले में एसपी देहात मणिकांत मिश्रा ने बताया कि केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के रुड़की पहुंचने की सूचना मिली थी।
सूचना के आधार पर पुलिस एस्कार्ट समय से नारसन बार्डर पर पहुंच गए थे। पुलिस एस्कार्ट काफी देर तक उनका इंतजार करते रहे। इसी बीच उन्हें सूचना मिली कि केंद्रीय कपड़ा मंत्री गलत रास्ते पर पहुंच गई ऐसे में उनकी जानकारी लेकर एस्कार्ट उन्हें रुड़की आईआईटी लेकर पहुंची।