कोटद्वार,उत्तराखंड में हल्दी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ सम्पन्न
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कमल बिष्ट/उत्तराखंड समाचार।
उत्तराखंड। नेशनल हल्दी बोर्ड ने उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर कोटद्वार, ज़िला पौड़ी, उत्तराखंड में हल्दी पर एक ट्रेनिंग प्रोग्राम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस प्रोग्राम का विशेष मकसद किसानों को हल्दी की खेती, क्वालिटी स्टैंडर्ड और इस इलाके में हल्दी और मसालों के प्रोडक्शन में मदद करने वाली सरकारी स्कीमों के बारे में समझाना था।
इवेंट का शुभारंभ स्पाइसेस बोर्ड के साइंटिस्ट ‘सी’ डॉ० दिनेश सिंह बिष्ट के वेलकम एड्रेस से हुई, जिन्होंने आए हुए लोगों का स्वागत किया और प्रोग्राम का कॉन्टेक्स्ट सेट किया। कोटद्वार के डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज़ सेंटर के मैनेजर आर.पी. आर्य ने एक खास एड्रेस दिया, जिसमें उन्होंने हल्दी के सेक्टर में ऑर्गनाइज़ेशन द्वारा किए जा रहे कई कार्यों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारियां दी। मुख्य एड्रेस पौड़ी गढ़वाल के डिस्ट्रिक्ट हॉर्टिकल्चर ऑफिसर राजेश तिवारी ने दिया, जिन्होंने हल्दी का फसल के हिसाब से रिव्यू किया और स्टेट डिपार्टमेंट की सेक्टरल स्कीमों के बारे में बताया। पहले सेशन के बाद टेक्निकल सेशन हुए। पहले टेक्निकल सेशन में हल्दी की खेती की खास बातों पर किसानों से एक्सपर्ट्स ने चर्चा की। पौड़ी जिले में हल्दी की खेती की संभावना, उत्तराखंड सरकार की नर्सरी डेवलपमेंट ऑफिसर अक्षिता भट्ट ने बताई, जिन्होंने इस इलाके में हल्दी प्रोडक्शन के SWOT एनालिसिस पर रोशनी डाली। हल्दी में क्वालिटी स्टैंडर्ड्स के बारे में स्पाइसेस बोर्ड के साइंटिस्ट ‘C’ डॉ० दिनेश सिंह बिष्ट ने बताया। सेशन में FSSAI द्वारा बताए गए हल्दी के घरेलू रेगुलेशन के खास पैरामीटर्स पर फोकस किया गया और एक्सपोर्ट के लिए ज़रूरी क्वालिटी की ज़रूरतों पर बात की गई।
पौड़ी जनपद में हल्दी प्रोडक्शन का ओवरव्यू, उत्तराखंड सरकार के हॉर्टिकल्चरिस्ट पंकज कुमार पटवाल ने बताया।
दूसरे टेक्निकल सेशन में डाइवर्सिफिकेशन, ऑर्गेनिक तरीकों और सरकारी मदद पर ज़ोर दिया गया।
हल्दी का ऑर्गेनिक प्रोडक्शन और एनपीओपी स्टैंडर्ड्स, स्पाइसेस बोर्ड के असिस्टेंट डायरेक्टर संदीप सिंह यादव ने बताया। सेशन में NPOP गाइडलाइंस और हल्दी की फसल में पेस्ट मैनेजमेंट पर फोकस किया गया। स्पाइसेस बोर्ड की एडिटर, सुश्री भावना जेसवानी भसीन ने इलाके में बोर्ड की एक्टिविटीज़ और हल्दी सेक्टर के लिए स्पाइसेस बोर्ड की खास स्कीम्स के बारे में बताया।
मज़ेदार Q&A और इंटरैक्टिव सेशन ने पार्टिसिपेंट्स को एक्सपर्ट्स से सीधे जुड़ने का मौका दिया गया, जिससे प्रैक्टिकल चुनौतियों और मौकों की गहरी समझ बढ़ी। इवेंट क्लोजिंग रिमार्क्स और वोट ऑफ़ थैंक्स के साथ खत्म हुआ।
कार्यक्रम में किसानों, अधिकारियों और एक्सपर्ट्स सहित 120 लोगों ने उत्साहपूर्ण प्रतिभाग किया। ट्रेनिंग प्रोग्राम ने दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों से आये किसानों, नर्सरी अधिकारियों और फील्ड-लेवल के लोगों को खेती की टेक्नीक, क्वालिटी पैरामीटर्स, ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन और सरकारी सहायता के विभिन्न तरीकों के बारे में नई जानकारी दी गई। इस पहल से उत्तराखंड में हल्दी सेक्टर के मजबूत होने की काफी उम्मीद है।
इस अवसर पर भावना जेसवानी भसीन ऑडिटर स्पाईवेयर बोर्ड, डीएचओ गढ़वाल राजेश तिवारी, फल उद्यान विशेषज्ञ पटवाल, डॉ० प्रशांत, गौरव निम, पुष्कर सिंह पंवार, कमल बिष्ट, मोहन सिंह, रमेश कौशिक, चन्द्र किशोर असवाल, कमल सिंह, महेन्द्र सिंह, गोविन्द मनराल, आदि किसान मौजूद रहे।











