कमल बिष्ट/कोटद्वार। सांस्कृतिक, सामाजिक एवं साहित्यिक संस्था द्वारा तरंगम महोत्सव के दूसरे दिन भी नाटकों की धूम रही। जिससे दर्शकों को सोचने पर विवश कर दिया।कोटद्वार प्रेक्षागृह में चल रहे तरंगम तन्वी रंगमहोत्सव के दूसरे दिन भी सुबह से लेकर शाम तक नाटकों का बोलबाला रहा। मुख्य अतिथि के रूप में उद्योगपति एस.आर. मित्तल एवं राकेश कुमार जैन संस्कार भारती मेरठ एनसीआर ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। संस्था के कलाकार मयंक पटवा द्वारा कत्थक शैली, शिव वंदना नृत्य से दर्शकों को गद्गद किया। तत्पश्चात नाटकों की श्रृंखला शुरू हुई। इस श्रृंखला में दून घाटी रंगमंच द्वारा, “एक रुका हुआ फैसला निर्देशक बृजेश नारायण दारा मंचन किया गया।
इसके उपरांत, “गुलाब पंखुड़ी और डंठल ” का मलंग थियेटर ग्रुप महाराष्ट्र, निर्देशक साहिल मंजू खन्ना द्वारा किया गया। इसी क्रम में देशभक्ति से ओतप्रोत नाटक “प्रणाम काकोरी” का मंचन मंथन आर्ट्स सोसायटी, उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया। जिसका निर्देशन शिव सक्सेवा द्वारा किया गया। इससे पूर्व, महोत्सव की प्रथम संध्या पर कोटद्वार नगर आयुक्त वैभव गुप्ता द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया व “नागमण्डल ” व “आधी रात के बाद” का मंचन किया गया।
तरंगम महोत्सव को लेकर दर्शकों में एक नया उत्साह देखा जा रहा है। मुख्य अतिथि प्रसिद्ध उद्योगपति फरीदाबाद,
आर.एस. मित्तल ने कहा कि देश के सभी प्रदेशों से आये मंझे हुए कलाकारों के द्वारा किये नाटकों का मंचन बहुत अच्छे, उच्च कोटि व यतार्थ एवं नेचुरल तौर से प्ले किया गया है, जिसकी जितनी भी सराहना की जाय उतनी कम है। सभी को उनका प्रोत्साहन करना चाहिए तथा समाज को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस अवसर पर तन्वी संस्था की संस्थापिका एवं निदेशिका श्रीमति मीनाक्षी शर्मा, राधेश्याम शर्मा, सरंक्षक प्रवीन रोहिला, संस्था सचिव प्रदीप भाष्कर, उपाध्यक्ष विनोद कुमार, उपसचिव संदीप रावत, कोषाध्यक्ष भावांजलि सक्सैना, प्रोजेक्ट चेयरमैन अश्वनी कुमार मुंबई, चन्द्रशेखर, उमाशंकर, प्रियंका बिष्ट, सिलागुड़ी पं बंगाल से भास्वती चक्रवर्ती, जयपुर से अर्शिया प्रवीन,हेमचन्द्र तामहणकर, विनोद कुमार, संदीप चौधरी, वंश, पंकज नेगी आदि मौजूद रहे।