रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट।
थराली। शव को वाहन में छोड़ कर मृतक के परिजनों एवं चालक ने भाग कर किसी तरह से जान बचाई। इस दौरान मित्र पुलिस की सक्रियता से किसी तरह से बीआरओ की मदद से दलदल में फंसे वाहन एवं शव को किसी तरह से देर रात निकाला जा सका।दरअसल शनिवार को ग्वालदम -कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर धनियालधार के पास हुई मैक्स दुर्घटना में दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। जबकि चालक सहित 10 लोग घायल हो गए थे। मृतकों को थराली पुलिस के द्वारा पोस्टमार्टम के लिए उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग लेजाया गया। जहां पर शनिवार को ही पोस्टमार्टम कर दिया गया था। एक मृतिका जो कि ग्वालदम के पास कुमाऊं के रैतीली श्रीकोट बागेश्वर की निवासी 43 वर्षीय सरस्वती देवी के शव को देर रात उसके परिजन आपने घर को ला रहे थे,कि रात करीब 10.30 बजे शव को ला रहा वाहन ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर हरमनी के पास स्लाइड जोन में मार्ग पर पड़े मलुवे में फस गया और इसी बीच तेज बारिश होने के चलते मार्ग की पहाड़ी से मलुवा,पत्थर गिरने लगे। जिसे देख चालक सहित वाहन में मौजूद मृतिका के परिजनों में वाहन के अंदर हड़कंप मच गया। वाहन में सवार 8 लोगों ने किसी तरह वाहन से उतर कर अपनी जानें बचाई। इस बीच कंट्रोल रूम से थराली थाना पुलिस को जब जानकारी मिली थाना के प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में पुलिस टीम तेज बारिश के कारण पूरे मार्ग पर गिर रहें पत्थरों को हटाते हुए करीब रात 12 बजें जैसे तैसे घटनास्थल पर पहुंची। प्रभारी निरीक्षक बताया कि इस की सूचना उन्होंने थराली के उपजिलाधिकारी रविंद्र जुवांठा एवं बीआरओ के ओसी को दी तो उन्होंने एक जेसीबी मशीन घटना स्थल पर भेज दिया,किंतु मार्ग पर अधिक मलुवा पड़े होने के कारण मशीन वाहन तक नही पहुंच पा रही थी। और पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहें थे। ऐसी स्थिति में थराली थाने में कार्यरत कांस्टेबल कृष्णा भंडारी ने जान जोखिम में डालकर दलदल में फंसे वाहन तक पहुंचे और उस में रस्सी बांधी तब जेसीबी मशीन ने खीच कर बहार निकाला। इस दौरान शव रखें वाहन टाटा सूमो यूके 02 टीए 1107 को पहाड़ी से गिरे पत्थरों से काफी क्षति पहुंची हैं। राहत की बात है कि इस हादसे में किसी को अधिक नुकसान नही पहुंचा।
आपदा पूर्व किए गए प्रशासन के दावें रविवार की तड़के उस समय हवा-हवाई हो गए पोल जब हरमनी से दुर्घटना में मृतिका के शव को पुलिस एवं बीआरओ के द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद जब तीन बजे के करीब थराली के पास सिमलसैण में पहुंचे तो देखा कि वहां पर भी ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग भारी मात्रा में पत्थर, मलुवा आया हुआ जबकि बीआरओ द्वारा अपनी जेसीबी आज सुबह मार्ग को खोलने के लिए हरमनी मे खड़ी कर दी गई थी। पुलिस के द्वारा सिमलसैण में मार्ग खोलने के लिए लोनिवि थराली के अभियंताओं से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्हें सफलता नही मिली पाई बताया जा रहा हैं कि अभियंताओं फोन स्विच आफ आ रहें थें। पिछले महीने ही प्रशासन की पहल पर आपदा को लेकर एक मौकड्रील किया गया था। जिसमें आपदा की स्थिति में आपसी सामंजस्य के साथ आपदा से निपटने के बड़े दावे किए गए थें। किंतु धरातल पर कुछ और ही नजर आ रहा हैं।
रविवार को ग्वालदम -कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग सिमलसैण में यातायात के लिए खुलने के बाद आज 9.30 दुर्घटना में मृतिका सरस्वती देवी के शव को परिजन अपने घर को यहां से ले कर रवाना हो सकें इस दौरान थराली पुलिस ने मानवता का संदेश देते हुए बकायदा ग्वालदम के पास गढ़वाल सीमा तक शव को छोड़ा।