हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
नगर पंचायत थराली के अंतर्गत थराली वार्ड के नागरिकों के साथ ही थराली से पैनगढ़ गांव तक के ग्रामीणों को पिछले दो सालों से लकड़ी के पुल से आवागमन के लिए मजबूर होना पड़ रहा हैं। आपदा क्षतिग्रस्त लोह सेतू के स्थान पर नया स्थाई पुल निर्माण के लिए अब ग्रामीण आंदोलन की रणनीति तैयार करने पर जुट गए हैं। नागरिकों ने आसन्न नगर पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी है।
दरअसल थराली नगर पंचायत के थराली वार्ड के अलावा सूना, देवलग्वाड़, पैंनगढ आदि गांवों को जोड़ने वाला थराली – पैनगढ़ मार्ग पर प्राणमती नदी पर बने 2 पुल एक पैदल एवं एक मोटर पुल 2023 में बादलों के फटने से प्राणमती नदी में आई बाढ के कारण नदी की तेज धार में बह गये थे। जिस के बाद इस क्षेत्र के लोगों को बरसात में तो वैकल्पिक मार्गों से हो कर तहसील मुख्यालय थराली पहुंचना पड़ता हैं। किंतु बरसात के बाद उनका पैदल एवं छोटे वाहनों का आवागमन प्राणमती नदी पर बनाएं जाने वाले अस्थाई लकड़ी के पुल पर निर्भर हो कर रह जाता हैं। इसी अस्थाई पुल से इस क्षेत्र के अधिकांश स्कूली छात्र, छात्राओं बुजुर्गों,प्रसूती महिलाओं को आने-जाने पर मजबूर होना पड़ता है।
पिछले दो वर्षों से क्षेत्र के लोग नदी में बह गए पुलों के स्थान पर सुरक्षित स्थानों पर पुल निर्माण की शासन, प्रशासन से मांग करते आ रहे हैं, किंतु अब तक उचित कार्रवाई होता ना देख ग्रामीण आंदोलन की रणनीति पर आगे बढ़ने लगें हैं।इसी के तहत ग्रामीणों के एक शिष्टमंडल ने शुक्रवार को तहसील कार्यालय थराली में उपजिलाधिकारी कमलेश मेहता से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। इसके अलावा ज्ञापन की प्रतियां अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग थराली एवं सिंचाई विभाग थराली को भी भेजी हैं।
जिसमें एक माह में मोटरपुल और झूला पुल का निर्माण शुरू कराये जाने की मांग की है ,ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि एक माह में अगर पुल निर्माण का कार्य शुरू न किया गया तो ग्रामीण आगामी नगर पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने के साथ ही उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। एसडीएम को ज्ञापन सौंपने वालों में थराली के कुंवर सिंह रावत,मोहन प्रसाद बहुगुणा, देवकांत देवराड़ी,राजेन्द्र प्रसाद देवराड़ी, विनोद रावत ,प्रीतम सिंह रावत ,शंभू प्रसाद खंडूरी आदि मौजूद थे।