• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar

लोबिया की फसल आय का अच्छा स्रोत

31/05/20
in उत्तराखंड, हेल्थ
Reading Time: 1min read
0
SHARES
820
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
लोबिया एक प्रकार का बोड़ा है। इसे चौला या चौरा भी कहते हैं। लोबिया जिसे स्थानीय भाषा में इसे सूंठ के नाम से जाना जाता है, यह पोषक तत्वों से भरा पड़ा है। इसकी फली और बीज खाने के काम आती है। यह हरा रंग की एक सब्जी है जो कि एक हाथ लंबे और बहुत कोमल होते हैं और इसे पकाकर खाया जाता है। इसके बीजों से दाल और दालमोट बनाते हैं। इसकी और भी जातियाँ है, पर लोबिया सबसे उत्तम माना जाता है। पौधा शोभा और भाजी के लिये बागों में बोया जाता है और बहुमूल्य होता है।
लोबिया हरी फली, सूखे बीज, हरी खाद और चारे के लिए पूरे भारत में उगाए जाने वाली फसल है। यह अफ्रीकी मूल की फसल है। यह सूखे को सहने योग्य, जल्दी पैदा होने वाली फसल और नदीनों को शुरूआती समय में पैदा होने से रोकती है। यह मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद करती है। लोबिया प्रोटीन, कैल्शियम और लोहे का मुख्य स्त्रोत है। पंजाब के उपजाऊ क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है। आलू और गेहूं की फसल के बाद, धान से पहले के बीच की अवधि में किसान लोबिया की फसल उगा सकते हैं। वैज्ञानिकों ने समतल इलाकों में खेती के अनुकूल लोबिया की ऐसी किस्म विकसित की है, जो मात्र 60 दिन में तैयार हो जाती है।
आमतौर पर लोबिया की सामान्य किस्मों को तैयार होने में 120.125 दिन लगते हैं। ज़ायद में इस किस्म को बोने से किसान का खेत भी खाली नहीं रहेगा। लोबिया से किसानों की कमाई भी अच्छी हो जाएगी क्योंकि इस दौरान बाज़ार में हरी सब्जि़यां कम ही होती हैं। इस किस्म की एक और खासियत यह है कि इसमें पानी की बहुत कम आवश्यक्ता होती है। जिस वजह से किसानों को गर्मी बढऩे पर सिंचाई की चिंता नहीं करनी होगी।
उत्तराखंड के उधमसिंहनगर स्थित गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सब्जी विभाग प्रमुख यशवीर सिंह ने लोबिया की छोटी अवधि की यह किस्म तैयार की है। हमने लोबिया की 60-65 दिनों में तैयार हो जाने वाली किस्म विकसित की है। लोबिया की ये नई प्रजातियां जून के प्रथम पखवाड़े में धान की रोपाई से पहले तैयार हो जाती है। इनकी उपज 14-18 क्विंटल दाना प्रति हेक्टेयर होती है। तराई क्षेत्र के किसान ग्रीष्म ऋतु में धान की फसल के स्थान पर यदि लोबिया की खेती करते हैं तो न सिर्फ उनको आर्थिक लाभ मिलेगा बल्कि पानी की बचत होगी और खेतों की उर्वराशाक्ति में भी सुधार होगा।
उत्तराखंड सरकार ने राज्य की कृषि भूमि को लीज पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब कोई भी व्यक्ति या संस्था उत्तराखंड में 30 सालों के लिए जमीन लीज पर ले सकता है। सरकार का कहना है कि इससे उत्तराखंड वासियों को बंजर या खाली पड़ी जमीन से भी आमदनी होगी और उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा, लेकिन क्या ऐसा होगा प्रदेश में पोषक तत्वों से भरपूर मोटे अनाजों का रकबा लगातार घटता जा रहा है। हिमालय में ऊर्जा के स्रोत माने जाने वाले इन अनाजाें को गरीबों की सेहत के लिए भी मुफीद माना जाता है। आज मंडुवा, रामदाना, रंयास, लोबिया, तिल, तोर, मादिरा, कौंणी, जौ, ज्वार, सिंघाडा आदि पहाड़ी मोटे अनाजों की मांग तो राज्य व प्रदेश से बाहर बहुत है, लेकिन आपूर्ति करने वाले उत्पादक अब गांवों में नहीं रह गए हैं।
स्वास्थ्य व स्वाद का पर्याय रहे ये अनाज प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस व अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। लेकिन अब ये विलुप्ति की तरफ हैं। यह तब हो रहा है जब केंद्र सरकार द्वारा मोटे अनाज को लोकप्रिय बनाने के लिए वर्ष 2018 को पौष्टिक धान्य वर्ष के रूप में भी मनाया जा चुका है। केंद्र व राज्य सरकारें भले ही पौष्टिक तत्वों से भरपूर इन फसलों की खेती को भरपूर समर्थन दे रही हों, लेकिन इनका उत्पादन लगातार घटता जा रहा है। सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 के बजट में पहाड़ी फसलों को फसल बीमा योजना के दायरे में लाने के बाद से इन मोटे अनाजों के उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद की है । यह खरपतवारों को खत्म करती है। यह अच्छी खाद के रूप में भी जानी जाती है। उत्तराखंड में हम बारहनाजा जा यह सफल प्रयोग कर सकते हैं। इन सारे फायदों पर गौर करने पर ये साफ समझ में आता है कि प्रकृति से इंसान को मिली सबसे मूल्यवान चीजों में पर काम करना होगा भी शामिल हैं। कोविड.19 के कारण उत्तराखण्ड वापस लौटे लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इससे कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पि और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे। राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।

ShareSendTweet
Previous Post

ठांडी गांव में स्वरोजगार की पहल, सब्जी उत्पादन में हाथ आजमाएंगे

Next Post

आयुक्त अरविंद ह्यांकी ने किया रामनगर के क्वारंटीन सेंटरों का निरीक्षण

Related Posts

उत्तरकाशी

धराली में युद्धस्तर पर चल रहे राहत और बचाव कार्य

August 5, 2025
34
उत्तराखंड

कैसे चलेंगे उत्तराखंड के स्कूल?

August 5, 2025
14
उत्तरकाशी

बादल फटने से उत्तरकाशी के धराली में तबाही

August 5, 2025
42
उत्तराखंड

अपनी सर्वाेच्च स्वास्थ्य क्षमता तक पहुँच विषय पर दून पुस्तकालय में व्याख्यान

August 5, 2025
5
उत्तराखंड

बद्रीनाथ धाम में जारी मास्टर प्लान कार्यों एवं बद्रीनाथ धाम में जिला विकास प्राधिकरण की मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन

August 5, 2025
6
उत्तराखंड

धराली (उत्तरकाशी) में बादल फटने की घटना पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने जताया गहरा शोक

August 5, 2025
14

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

धराली में युद्धस्तर पर चल रहे राहत और बचाव कार्य

August 5, 2025

कैसे चलेंगे उत्तराखंड के स्कूल?

August 5, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.