रुद्रप्रयाग। माल्टा तैयार हो चुका है, माल्टा किसान एक माह से चौकीदारी कर रहे हैं, पक्षियों ने फसल बर्बाद कर दी है, उद्यान विभाग हमारे फलों का विपणन करें, नहीं तो पेड़ो को काटने की अनुमति दे, ताकि खेतों में किसान कोई दूसरी फसल लगा सकें। यदि 07 दिन के अन्दर समस्या का समाधान नहीं किया जाता है, तो हमें मजबूरन मौन उपवास पर बैठना पड़ेगा।
सरकार की उद्यानों को प्रोत्साहित करने की योजना के तहत औरिंग गांव के 90 वर्षीय किसान अजीत सिंह कंडारी ने 50 नाली भूमि पर उद्यान विभाग अगस्तमुनि जनपद .रूद्रप्रयाग से 200 पौध माल्टा का लगाया था।
विपणन की कोई व्यवस्था नहीं होने से माल्टा पक्षियों ने बर्बाद कर दिया, कहाँ ले जायें बाजार मैदान के किन्नू, सन्तरा से भरा पड़ा है, कोई खरीददार नहीं है। एक वर्ष पहले वन विभाग से पेड़ काटने की अनुमति माँगी थी, लेकिन आज तक स्वीकृति नहीं मिली।
सरकार ने और ए ग्रेड के माल्टा का समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया, सरकार की ओर से कोई खरीददारी नहीं है। काश्तकार की साल भर की फसल से सी ग्रेड दलाल 400 रूपये कुन्तल के भाव से ले जा रहे हैं।सरकार ने सी ग्रेड के माल्टा की दर 8 रू किलो घोषित करके पल्ला झाड़ दिया है। इस प्रकार सरकार काश्तकार की फसल का नीलाम कर रही है। उसे नहीं उठा पा रही है, जबकि माल्टा अपने आप में भोजन के रूप में पेय पदार्थ है। इसका उपयोग चाट, जूश, स्क्वैश, मुरब्बा, कैन्डी, पाउडर तथा छिलकों का उपयोग फेसपैक के रूप में किया जा सकता है। कोल्ड स्टोर में गर्मियों के लिए रखा जा सकता है, जो कि मोदी जी के सपनो को धरातल पर साकार करके किसान की आमदनी को दुगना ही नही बल्कि कई गुना बढ़ा सकता है।
यात्राकाल से जुडे़ मार्गों पर आर्थिकी का अच्छा साधन बन सकता है ।दो पेड़ के फलों का उचित विपणन तथा उत्पाद तैयार करने पर साल भर का नमक एतेल के खर्चे की भरपाई की जा सकती है ।
पहाड़ के मध्यम ऊँ0 वाले क्षेत्रो में तैयार होने वाला माल्टा ही एकमात्र फल है जो बाजार तक पहुँचता है, अन्यथा मैदानी फलों से ही बाजार भरा पडा़ है।
स्थानीय लोगों को माल्टा खाने को नही मिल रहा है दलाल कच्चा माल्टा उठाकर मैदानी क्षेत्रो में मौसमी के रूप में बेचकर बीमार व लोगो के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा रहे है ।
उद्यान कृषि सहकारिता विभाग माल्टा के विपणन केन्द्र खोलें, आँगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों व गर्भवती महिलाओंं, स्कूलों के माध्यम से बच्चों को बँटवाया जायएजिले ल प्रदेश के सरकारी कार्यक्रमों में इसके फल व उत्पाद सम्मिलित किये जाय, जनपद के जिन क्षेत्रों में माल्टा नहीं होता है वहाँ पहुँचाया जाय। ताजा व शुद्ध जैविक फल से लोगों का स्वास्थ्य अच्छा होगा।माल्टा के उत्पाद तैयार किये जाय। इस तरह पहाड़ के जन स्वास्थ्य व आर्थिकी में इसका महत्वपूर्ण स्थान बन सकता है ।