लक्ष्मण सिंह नेगी
उरगम घाटी। चमोली पहाड़ों में लगातार भूषण बाढ़ की घटनाएं बढ़ती जा रही है। जोशीमठ में आजकल सरकार के द्वारा जोशीमठ शहर का भूगर्भीय अध्ययन किया जा रहा है। उत्तराखंड सरकार ने आपदा प्रबंधन भूगर्भ विभाग के साथ मिलकर व्यापक अध्ययन की योजना बनाई है। आजकल जोशीमठ में जहां.जहां भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। उसका व्यापक अध्ययन किया जा रहा है। इतना नहीं जोशीमठ प्रखंड के अंतर्गत कई गांव ऐसे हैं जो अति संवेदनशील क्षेत्रों में आते हैं, जहां कभी भी बड़ी आपदा की घटनाएं हो सकती है।
पंच केदार के कल्पक्षेत्र उरगम वडगिणडा देवग्राम गिरा वाशा के तोक 2013 की आपदा के बाद काफी संवेदनशील हो गए हैं। यह गांव के निचले हिस्सों में लगातार जमीन का धंसाव हो रहा है। कई नाली कृषि भूमि एवं वन भूमि लगातार टूटती जा रही है। जिससे कि आबादी वाले क्षेत्रों में वीर नुकसान होने शुरू हो गया है। उरगम घाटी के तल्लावडगिडा देवग्राम गांव के निचले हिस्से में लगातार भूमि के टूटने से आवासीय मकानों को भी खतरा हो गया है। देव ग्राम की प्रधान देवेंद्र सिंह रावत बताते है कि पूरे क्षेत्र में भूमि पर दरार पड़ गई है। लगभग 70 से अधिक मकान ऐसे हैं कि जिन पर दरारे पड़ रही हैं और धीरे.धीरे दरार में बढ़ रही है।
लोग अपनं मकानों में रहने के लिए मजबूरी में विवश हैं। कई बार सरकार से पुनर्वास की मांग भी की सरकार सुनने वाले नहीं है उन्होंने कहा कि पुनर्वास की कार्रवाई भी ठप्प पड़ी हुई है। उरगम के प्रधान मिकल कहती है कि हमारे गांव में 45 परिवारों का पुनर्वास की कार्रवाई ७ साल से चल रही अभी तक कार्रवाई पूर्ण नहीं हो पाई है। कई लोग पंचायत भवन में शरण लिए हुए हैं। इतना ही नहीं जोशीमठ विकासखंड में 2 दर्जन से अधिक गांव पुनर्वास की बाट जो रहे हैं। जिसमें पैग मुरणडा, उछछो ग्वाड़, पिलखी, ऐली, तिरोसी, पप्यां चोरमी, पुलना, जुवागवाड, गणाई, दाडमी आदि गांव मैं पुनर्वास की कार्रवाई चल रही है। किंतु यह कार्रवाई कछुआ चाल से चल रही है। जनपद चमोली अति संवेदनशील क्षेत्रों में आता है किंतु यहां भारी.भरकम निर्माण कार्य लगातार चल रहे हैं जहां जल विद्युत परियोजना का कार्य जोरों पर संचालित है ऑल वेदर रोड का कार्य जोरों पर चल रहा है।