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-माता मूर्ति मंदिर माणा मे माता मूर्ति एव भगवान उद्वव का अभिषेक करते हुए मुख्य पुजारी श्री रावल ।
बदरीनाथ/जोशीमठ। माता मूर्ति मेले में उमडा भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। अब बदरीनाथ के मुख्य पुजारी श्री रावल अलकनंदा पार कर नर पर्वत पर भी आवागमन कर सकेंगे। सेना आईटीबीपी ने किया भंडारे का आयोजन।
प्रतिवर्ष बामन द्वादशी पर आयोजित होने वाले मातामूूर्ति मेले मे दूर-दूर से पंहुचे श्रद्धालु। माता मूर्ति मेले भगवान नारायण अपनी माता से मिलने माता मूर्ति मंदिर माणा पंहुचते है। बदरीनाथ के मुख्य पुजारी श्री रावल भगवान उद्वव की डोली लेकर मंदिर परिसर से प्रस्थान कर पैदल मार्ग से माता मूर्ति मंदिर पंहुचते है। बाजे-गाजो के साथ सैकडो यात्रियों व स्थानीय श्रद्धालुओ के भजन/कीर्तन के साथ डोली माता मूर्ति मंदिर पंहुचती है। यहाॅ माणा गाॅव की महिलाएं पंरपरागत भेष-भूषा मे हरियाला लेकर भगवान नारायण की डोलीा का स्वागत करते है।
माता मूर्ति मंदिर पंहुचने पर मुख्य पुजारी श्री रावल द्वारा माता मूर्ति एवं भगवान उद्वव का अभिषेक/पूजन कर भोग लगाया गया। इस दौरान बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी आचार्य सत्य प्रसाद चमोला , वेदपाठी रविन्द्र भटट व माता मूर्ति मंदिर के पुजारी पंडित हनुमान प्रसाद डिमरी ने वेदमंत्रोच्चार कर पूजा व अभिषेक की प्रक्रिया पूरी कराई।
मेले मे बामणी व माणा गाॅव की महिलाओ द्वारा भजन कीर्तन का गायन हुआ। इस मौके पर मुख्य कार्यधिकारी बीडी सिंह,,मंदिर अभियंता विपिन तिवारी, सहायक मंदिर अधिकारी राजेन्द्र सिह चैहान, बरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चैहान, ऋषि बल्लभ उनियाल, दफेदार कृपाल सनवाल के अलावा बडी संख्या मे माणा, बामणी गाॅव के निवासी, तीर्थपुराहित समाज व ब्यापार सभा के प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस मौके पर सेना की गढवाल स्काउटस बटालियन एंव आईटीबीपी तथा बीआरओ द्वारा श्रद्धालुओ के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
इधर मान्य धार्मिक पंरपरानुसार माता मूर्ति मेले के उपरांत अब बदरीनाथ के मुख्य पुजारी श्री रावल अलंकनदा पार कर नर पर्वत की ओर आवागमन कर सकेगे। इससे पूर्व श्री रावल कपाट खुलने के दिन से माता मूर्ति मेले तक अलकंनदा को पार कर नर पर्वत पर नही आ सकते थे।