हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
तो फिर सिद्धपीठ लाटू देवता के मंदिर को मास्टर प्लान के तहत विकसित किया जाएगा। इसके तहत सिंचाई खंड थराली के द्वारा एक वृहद कार्य योजना तैयार कर स्वीकृति हेतु शासन को भेजने की कवायद तेज कर दी गई हैं।
दरअसल विकास खंड देवाल के अंतर्गत वांण गांव स्थित लाटू देवता का मंदिर लाटू भक्तों के बीच प्रसिद्ध एवं अपार श्रद्धा का केंद्र बना हुआ हैं। यहां पर प्रति वर्ष हजारों की तादाद में नंदादेवी एवं लाटू देवता के भक्त पूजा-अर्चना करने आते हैं।वांण ऐसा गांव हैं जो कि हर वर्ष होने वाली नंदादेवी लोक जात यात्रा एवं 12 वर्षों में आयोजित होने वाली श्री नंदादेवी राजजात यात्रा का अंतिम आवादी वाला गांव हैं,इसके बाद यात्रा निर्जन एवं बुग्याली पड़ावों की ओर अग्रसर हों जाती हैं।2026 में आयोजित होने वाली विश्व प्रसिद्ध श्री नंदादेवी राजजात यात्रा के तहत सरकार ने वांण लाटू देवता मंदिर को मास्टर प्लान के तहत विकसित करने का निर्माण लिया हैं। इसके लिए बकायदा सिंचाई खंड थराली से एक वृहद कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे कि इस मंदिर के प्रति लोगों को और अधिक आकृषित किया जा सके।
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सोमवार को थराली में सिंचाई खंड के कार्यालय में वांण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के कोर्डिनेटर दलवीर दानू के नेतृत्व में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता प्रशांत श्रीवास्तव से भेंट कर वांण लाटू मंदिर परिसर के मास्टर प्लान के तहत सौंदर्यीकरण सहित किए जाने वाले निर्माण कार्यों पर गंभीर मंथन किया। अधिशासी अभियंता द्वारा बताया गया कि विभाग ने लाटू मंदिर परिसर में किए जाने वाले निर्माण कार्यों एवं सौंदर्यीकरण के कार्य को करवाने के लिए आर्कटक से कुछ डिजाइन मंगवाए हैं जिन्हें उन्होंने प्रतिनिधि मंडल से साझा करते हुए उनकी राय जानी। बैठक में मंदिर के पास गढ़वाल मंडल विकास निगम के बंगले तक छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क निर्माण किए जाने, भोगशाला, भंडारगृह, धर्मशाला, पुजारी आवास, स्नानागार,शौचालय, जूते एवं अन्य सामानों को रखने भवनों का निर्माण,गेटो का निर्माण निर्माण,चार दिवारी, मंचन निर्माण, यज्ञशाला, धारों का सौंदर्यीकरण सहित तमाम अन्य निर्माण कार्य पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में तैय किया गया कि जो भी निर्णय कार्य किए जाएं उनमें पहाड़ी संस्कृति की झलक दिखनी चाहिए।इस मौके पर बैठक में मुख्यमंत्री कोर्डिनेटर दलवीर दानू ने कहा कि थराली के अंतर्गत कुलसारी राजजात यात्रा के प्रमुख पड़ावों में सुमार हैं यहां पर स्थित बहुदेशीय फील्ड के नीचे पिंडर नदी के किनारे हों रहें भूस्खलन को रोका जाना बेहद जरूरी हैं।इस पर सिंचाई विभाग के ईई प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि इसकी रोकथाम के लिए विभाग ने 4 करोड़ रुपए का आंगणन गठित कर शासन को भेजा गया हैं। जिस पर कोर्डिनेटर ने शासन में आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।इस बैठक में पूर्व जिला पंचायत सदस्य कृष्णा बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट एवं कुंवर सिंह बिष्ट मौजूद रहें











