देहरादून। शहर कोतवाल के मौसेरे भाई प्रॉपर्टी डीलर जयकरण रौतेला की हत्या 15 लाख रुपये के लेन-देन के विवाद में की गई थी। पुलिस ने उसके दो दोस्तों को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा कर दिया। आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त देसी पिस्टल भी बरामद हो गई है। पुलिस ने दोपहर बाद मुख्य आरोपी पूर्णानंद गोदियाल को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। जबकि दूसरे आरोपी से पुलिस अभी पूछताछ कर रही है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती ने बताया कि मोहनपुर निवासी प्रॉपर्टी डीलर जयकरण सिंह रौतेला की रविवार रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड के खुलासे के लिए एसपी सिटी श्वेता चैबे की अगुवाई में टीम गठित की गई थी। सीसीटीवी कैमरों और सर्विलांस की मदद से साक्ष्यों का संकलन करने के बाद प्रॉपर्टी डीलर पूर्णानंद गोदियाल उर्फ बबलू निवासी शुक्लापुर को पकड़ा गया। पूछताछ में आरोपी ने अपने साथी सुरजीत निवासी मोहनपुर की मदद से जयकरण रौतेला की हत्या की बात स्वीकार कर ली। एसएसपी के मुताबिक पूछताछ में पूर्णानंद गोदियाल ने बताया कि 2012 में सुरजीत के साथ उसने प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त का काम शुरू किया था। बीच में जयकरण के साथ भी प्रापर्टी के कई सौदे किए थे। एक जमीन में 15 लाख रुपये के लेन-देन को लेकर जयकरण से उनका विवाद चल रहा था। 17 मार्च की रात वह प्रेमनगर स्थित स्नूकर प्वाइंट में था, तभी जयकरण भी फोन करके वहां आ गया। कुछ देर रात बाद सुरजीत भी पहुंच गया। शराब पीते समय जयकरण से बकाया रकम की मांग की तो वह आनाकानी करने लगा। इसी बात को लेकर उनमें बहस हो गई। जयकरण का मर्डर करने की योजना के तहत सुरजीत की स्कूटी पर वे तीनों पावर हाउस के पास गए। जहां से वह अपनी कार में उन्हें लेकर घर गया। घर से देसी पिस्टल लेकर वे शुक्लापुर पहुंच गए, जहां पर जयकरण रौतेला पर ताबड़तोड़ कई गोलियां चलाई गईं। हत्या करने के बाद वह दोनों कार से फरार हो गए। पुलिस ने गोदियाल की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा और कार बरामद करने का दावा किया है। इसी दौरान एसपी सिटी श्वेता चैबे भी मौजूद रहीं। प्रॉपर्टी डीलर की हत्या में पकड़े गए पूर्णानंद गोदियाल और सुरजीत सिंह मीडिया के सामने चुप्पी साधे रहे। हत्या के कारणों को लेकर कई तरह के सवाल किए गए, लेकिन दोनों ने अपनी जुबां खोलने से परहेज किया। हत्या में प्रयुक्त देसी पिस्टल मुजफ्फरनगर से खरीदी गई थी।