डीएनए जांच के बाद हुआ मामले का खुलासा
अल्मोड़ा। अपने ही नवजात बच्चे को खेत में फेंकने वाली एक कलयुगी मां को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। महिला ने एक साल पहले अपने बच्चे को पास के ही एक खेत में फेंक दिया था। संयोग से गांव वालों की नजर उस पर पड़ गई। लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका।
मामला बीते वर्ष का है। 27 जुलाई 2020 को लमगड़ा कस्बे से लगे एक गांव में ग्रामीणों को गांव से कुछ दूरी पर खेत में एक नवजात पड़ा हुआ दिखाई दिया। ग्रामीणों ने पास जाकर देखा तो नवजात जीवित अवस्था में था। ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने नवजात बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लमगड़ा पहुंचाया। जहां से उसे महिला अस्पताल अल्मोड़ा रेफर किया गया। लेकिन हालत खराब होने के काराण नवजात को हायर सेंटर एसटीएच हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। हल्द्वानी में उपचार के दौरान कुछ दिनों के बाद नवजात ने दम तोड़ दिया।
पुलिस ने इस मामले में लमगड़ा थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। मामले की जांच चौकी प्रभारी जैंती देवेंद्र राणा को सौंपी गई। जांच में जो बात सामने आई वह किसी रूह कंपा देने वाली सच्ची कहानी से कम नहीं थी। नवजात को खेत में फेंकने वाली कोई नहीं बल्कि उसकी मां निकली। थानाध्यक्ष लमगड़ा सुनील बिष्ट ने बताया कि डीएनए टेस्ट में आरोपी महिला ही नवजात की जैविक माता पाई गई। विवेचना के दौरान सामने आए तथ्यों के बाद पुलिस ने इस कलयुगी मां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पूछताछ में आरोपी मां ने बताया कि उसके दो बेटियां और एक बेटा है। उसका पति एक होटल में काम करता था। लेकिन लॉकडाउन के कारण वह पिछले एक साल से घर पर ही है। बच्चों के पालन पोषण में आर्थिक तंगी सामने आई तो उसे यह कदम उठाना पड़ा।