रिपोर्ट:हरेंद्र बिष्ट
थराली। वन विभाग के द्वारा वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण हटाने के बाबत वन विभाग के द्वारा थराली विकासखंड के अंतर्गत आपदा पीड़ितों को नोटिस दिए जाने से ग्रामीण घबरा गए हैं।इन पक्के निर्माणों को तोड़ जाने से रोकने के लिए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए उपजिलाधिकारी थराली के माध्यम से एक संयुक्त हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन भेजा हैं ।इन दिनों उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्देशों पर वन विभाग के द्वारा वन भूमि पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने का जोर-शोर से अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत पहले चरण में सड़कों के किनारे वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण ध्वस्त किए जा रहे हैं। इसी अभियान के तहत जौला गांव के ग्रामीणों को भी वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण हटाने के नोटिस थमाये गए हैं। जिससे दशकों से वन भूमि पर रह रहे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया हैं। वन भूमि में पक्के मकानों का निर्माण कर रह रहें जौला गाँव के ग्रामीणों ने निर्माणों को तोड़ जाने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए उपजिलाधिकारी थराली रविंद्र जुवांठा को एक ज्ञापन सौंपा हैं। जिसमें कहा गया हैं कि गांव के 35-40 परिवार 1936 में गांव में हुए भारी भूस्खलन के बाद गांव के पास ही वन भूमि में मकानों का निर्माण कर रहरहे हैं किंतु अचानक उन्हें अतिक्रमण खाली करने के नोटिस दिए गए हैं। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से आपदाग्रस्त इस गांव के वन भूमि क्षेत्र मे निवासरत परिवारों को यथावत रखने और उनके द्वारा निर्मित पक्के मकानों को न हटाए जाने की मांग की है । इस ज्ञापन में जौला गांव की ग्राम प्रधान मुन्नी देवी समेत बलवंत सिंह,भूपाल सिंह,कैलाश सिंह,गोपाल सिंह ,कुँवर सिंह,लक्ष्मण सिंह समेत दर्जनों ग्रामीणों के हस्ताक्षर हैं।